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अफवाहें फैलाना प्रेस की आजादी का हिस्सा नहीं : जावड़ेकर

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि वह हमेशा प्रेस की स्वतंत्रता चाहते हैं

अफवाहें फैलाना प्रेस की आजादी का हिस्सा नहीं : जावड़ेकर
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पुणे। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि वह हमेशा प्रेस की स्वतंत्रता चाहते हैं लेकिन मीडिया को भी अपने काम के लिए जिम्मेदार होना चाहिए और अफवाहें फैलाना प्रेस की आजादी का हिस्सा नहीं है।

श्री जावड़ेकर ने यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा को गलत तरीके से पेश किये जाने की चर्चा करते हुए कहा कि अफवाहें फैलाना प्रेस की स्वतंत्रता का हिस्सा नहीं है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा,“मैं मंत्री होने के नाते हमेशा मीडिया की स्वतंत्रता चाहता हूं। यह स्वतंत्र है और इसे हमेशा स्वतंत्रता बनाए रखा जाना चाहिए। लेकिन उन्हें अपने काम के लिए भी जिम्मेदार होना चाहिए।”

उन्होंने कहा,“गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई दुर्घटना में एक किसान की मौत हो गई, एक प्रसिद्ध रिपोर्टर ने ट्वीट किया कि पुलिस की गोली लगने से उसकी मौत हुई है। क्या यह प्रेस की स्वतंत्रता है? यह कुछ ऐसा है जो देश में शांति को बिगाड़ता है। अफवाहें फैलाना प्रेस की स्वतंत्रता का हिस्सा नहीं है।”

उन्होंने मीडिया को तथ्यों की जांच करने और उसके बाद टिप्पणी करने की सलाह दी। उन्होंने कहा,“अगर कोई सरकार की आलोचना करता है तो हम कभी भी उनका विरोध नहीं करते हैं बल्कि हम उसका स्वागत करते हैं।”

‘टूलकिट’ मामले की चर्चा करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि हमें उन संगठन की पूरी योजना के बारे में पता चला कि वे भारत को बदनाम करने की योजना कैसे बना रहे थे, हमें इसका पूरा डेटा मिला है। उन्होंने कहा,“भारत एक मजबूत राष्ट्र है। इस तरह की कोई भी साजिश हमें प्रभावित नहीं करेगी। लेकिन लोग कैसे साजिश करते हैं, हमें उस टूल (टूल किट) के माध्यम से हर जानकारी का पता चला।”

दिल्ली पुलिस के अनुसार, टूलकिट खाता खालिस्तानियों के समूह द्वारा चलाया जा रहा था। उन्होंने गणतंत्र दिवस की घटना के बाद डिजिटल स्ट्राइक पोस्ट करने का फैसला किया था।

गौरतलब है कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस के दिन आंदोलनकारी किसानों की ओर से आयोजित ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने नयी दिल्ली में प्रवेश करने के लिए कई बैरिकेड्स को तोड़ दिया और इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में पुलिस से भिड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठित मुग़ल काल के स्मारक लाल किले में भी प्रवेश किया और इसकी प्राचीर पर अपने झंडे लहरा दिये।


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