Top
Begin typing your search above and press return to search.

विश्व मुक्केबाजी कप : साक्षी ने भारत को दिलाया पहला स्वर्ण

कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में चल रही विश्व मुक्केबाजी कप में रविवार को दो बार की युवा विश्व चैंपियन साक्षी ने 54 किग्रा वर्ग का फाइनल जीतकर देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया

विश्व मुक्केबाजी कप : साक्षी ने भारत को दिलाया पहला स्वर्ण
X

अस्ताना। कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में चल रही विश्व मुक्केबाजी कप में रविवार को दो बार की युवा विश्व चैंपियन साक्षी ने 54 किग्रा वर्ग का फाइनल जीतकर देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया।

भारतीय मुक्केबाजी दल ने अस्ताना में शानदार प्रदर्शन किया है और कुल 11 पदक पक्के कर लिए हैं, जिसमें एक पदक को साक्षी ने गोल्ड में बदला है। चौबीस साल की साक्षी ने अमेरिका की योसलाइन पेरेज को हराकर स्वर्ण पदक जीता।

रविवार को पहले सत्र में चार भारतीय मुक्केबाजों ने हिस्सा लिया। लेकिन, साक्षी एकमात्र मुक्केबाज रहीं, जो देश को गोल्ड दिलाने में सफल रहीं।

इससे पहले, मीनाक्षी को 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में स्थानीय प्रतिद्वंद्वी नाजिम काइजाइबे के खिलाफ खिलाफ 3:2 के फैसले से हार का सामना करना पड़ा।

जुगनू (पुरुष 85 किग्रा) और पूजा रानी (महिला 80 किग्रा) भी अपने-अपने फाइनल में हारने के बाद रजत पदक के साथ घर लौटेंगे।

जुगनू को कजाकिस्तान की बेकजाद नूरदौलेटोव के खिलाफ 0:5 से हार का सामना करना पड़ा, जबकि पूजा को ऑस्ट्रेलिया की एसेटा फ्लिंट के खिलाफ इसी स्कोर से हार का सामना करना पड़ा।

शाम के सत्र में चार और भारतीय स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिसमें ब्राजील चरण के स्वर्ण पदक विजेता हितेश गुलिया (70 किग्रा) अग्रणी होंगे। साथ ही अविनाश जामवाल (65 किग्रा), जैस्मीन ( 57 किग्रा) और नूपुर ( 85+ किग्रा) भी शामिल होंगे।

शाम के सत्र में भारत के चार रजत पदक तो पक्के हैं, लेकिन मुक्केबाजों से उम्मीद है कि वे चांदी को सोने में बदलने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।

अस्ताना में तुलनात्मक रूप से भारतीय मुक्केबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। भारतीय टीम ने ब्राजील में पहले चरण में एक स्वर्ण और एक रजत सहित छह पदक जीते थे। इस बार पदकों की संख्या बढ़ी है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it