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मेलबर्न में ऐतिहासिक जीत: इंग्लैंड ने एशेज के चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को हराकर 18 टेस्ट का खत्म किया सूखा

2013-14 की एशेज सीरीज में 5-0 की करारी हार के बाद से इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया में एक भी टेस्ट जीत नहीं सका था। इस दौरान दोनों टीमों के बीच खेले गए 18 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने 16 मुकाबले जीते, जबकि 2 मैच ड्रॉ रहे।

मेलबर्न में ऐतिहासिक जीत: इंग्लैंड ने एशेज के चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को हराकर 18 टेस्ट का खत्म किया सूखा
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मेलबर्न: एशेज सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में खेले गए मैच में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया। यह जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि इसके साथ ही इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट मैच में 18 मुकाबलों से चला आ रहा जीत का इंतजार खत्म किया। इससे पहले इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया में आखिरी टेस्ट जीत 2011 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर मिली थी। उसके बाद से ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर इंग्लिश टीम लगातार संघर्ष करती नजर आई थी। यह मुकाबला सिर्फ एक टेस्ट मैच नहीं था, बल्कि यह इंग्लैंड के आत्मविश्वास, जुझारूपन और वापसी की कहानी बन गया। गेंदबाजों की धारदार गेंदबाजी और बल्लेबाजों की संयमित पारियों ने इस मैच को यादगार बना दिया।

ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड की लंबी प्रतीक्षा का अंत

2013-14 की एशेज सीरीज में 5-0 की करारी हार के बाद से इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया में एक भी टेस्ट जीत नहीं सका था। इस दौरान दोनों टीमों के बीच खेले गए 18 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने 16 मुकाबले जीते, जबकि 2 मैच ड्रॉ रहे। इंग्लैंड के लिए यह दौर निराशाजनक रहा, जहां कई बार टीम जीत के करीब पहुंचकर भी मैच हाथ से गंवा बैठी। मेलबर्न टेस्ट में मिली यह जीत सिर्फ स्कोरबोर्ड पर दर्ज एक परिणाम नहीं थी, बल्कि यह इंग्लैंड के लिए मानसिक रूप से बड़ी राहत लेकर आई। लंबे समय से चला आ रहा दबाव और आलोचनाओं का दौर इस जीत के साथ काफी हद तक समाप्त होता नजर आया।

मैच का संक्षिप्त विवरण

चौथे टेस्ट मैच में दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। गेंदबाजों का दबदबा पूरे मैच में बना रहा और बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने शुरुआत से ही दबाव बना दिया। पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 152 रन पर सिमट गई। इसके जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी भी कुछ खास नहीं रही और पूरी टीम 110 रन पर ऑलआउट हो गई। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 42 रन की बढ़त मिली। हालांकि दूसरी पारी में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने शानदार वापसी की और ऑस्ट्रेलिया को महज 132 रन पर ढेर कर दिया। इसके बाद इंग्लैंड को जीत के लिए 175 रन का लक्ष्य मिला, जिसे टीम ने 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया।

ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी: संघर्ष भरी शुरुआत

ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में बल्लेबाज इंग्लैंड के तेज आक्रमण के सामने टिक नहीं सके। नई गेंद से इंग्लिश पेसर्स ने सटीक लाइन और लेंथ से गेंदबाजी की, जिससे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज लगातार दबाव में रहे। कई अनुभवी बल्लेबाज अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल सके। विकेट गिरने का सिलसिला लगातार जारी रहा और पूरी टीम 152 रन पर ऑलआउट हो गई। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने अनुशासित गेंदबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने का कोई मौका नहीं दिया।

इंग्लैंड की पहली पारी: ऑस्ट्रेलिया को बढ़त

ऑस्ट्रेलिया की अपेक्षाकृत कम स्कोर वाली पहली पारी के बावजूद इंग्लैंड के बल्लेबाज भी इसका पूरा फायदा नहीं उठा सके। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए इंग्लैंड को 110 रन पर समेट दिया। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 42 रन की बढ़त मिली, जिससे यह लगने लगा कि मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की पकड़ मजबूत हो गई है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती यही है कि यहां एक सत्र या एक पारी में तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है।

दूसरी पारी में इंग्लैंड की दमदार गेंदबाजी

दूसरी पारी में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने असाधारण प्रदर्शन किया। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एक बार फिर इंग्लिश गेंदबाजी के सामने संघर्ष करते नजर आए। ट्रैविस हेड ने जरूर 46 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली, लेकिन उन्हें अन्य बल्लेबाजों से पर्याप्त सहयोग नहीं मिला। कप्तान स्टीव स्मिथ 24 रन बनाकर नाबाद रहे, जबकि कैमरन ग्रीन ने 19 रन का योगदान दिया। इसके अलावा टीम के आठ बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके, जिनमें तीन खिलाड़ी शून्य पर आउट हुए। इंग्लैंड की ओर से ब्रायडन कार्स ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट झटके। कप्तान बेन स्टोक्स ने 3 विकेट लिए, जबकि जोश टंग ने 2 विकेट चटकाए। गस एटकिंसन को 1 विकेट मिला। ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 132 रन पर ऑलआउट हो गई।

175 रन का लक्ष्य: इंग्लैंड की संयमित बल्लेबाजी

175 रन का लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट में भले ही बहुत बड़ा न लगे, लेकिन MCG की पिच और मैच के हालात को देखते हुए यह चुनौतीपूर्ण था। इंग्लैंड को दूसरी पारी में अच्छी शुरुआत मिली। पहला झटका टीम को 51 रन के स्कोर पर लगा, जब मिचेल स्टार्क ने बेन डकेट को क्लीन बोल्ड किया। डकेट ने 26 गेंदों में 34 रन की आक्रामक पारी खेली। इसके बाद ब्राइडन छह रन बनाकर जे रिचर्डसन का शिकार बने।

क्रॉली और बेथेल की अहम साझेदारी

इसके बाद जैक क्रॉली और जैकब बेथेल ने तीसरे विकेट के लिए 47 रन की अहम साझेदारी निभाई। इस साझेदारी ने इंग्लैंड को स्थिरता दी और लक्ष्य के करीब पहुंचाया। क्रॉली ने 48 गेंदों में 37 रन बनाए, जबकि बेथेल ने धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी करते हुए 40 रन का योगदान दिया। बेथेल और जो रूट के बीच 25 रन की साझेदारी भी इंग्लैंड के लिए काफी अहम साबित हुई।

मध्यक्रम का योगदान और जीत की ओर कदम

जो रूट 15 रन बनाकर आउट हुए, जबकि कप्तान बेन स्टोक्स सिर्फ 2 रन ही बना सके। हालांकि इसके बाद हैरी ब्रूक और जेमी स्मिथ ने संयम बनाए रखा और टीम को जीत तक पहुंचाया। हैरी ब्रूक 18 रन बनाकर नाबाद रहे, जबकि जेमी स्मिथ 3 रन बनाकर नाबाद लौटे। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मिचेल स्टार्क, जे रिचर्डसन और स्कॉट बोलैंड ने 2-2 विकेट लिए, लेकिन वे इंग्लैंड की जीत को रोक नहीं सके।

जोश टंग बने प्लेयर ऑफ द मैच

मैच में कुल 7 विकेट लेने वाले इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोश टंग को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने दोनों पारियों में अहम मौकों पर विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। टंग की गति, उछाल और सटीकता ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को लगातार परेशान किया। यह प्रदर्शन उनके करियर के बेहतरीन प्रदर्शनों में से एक माना जा रहा है।

गस एटकिंसन की चोट से इंग्लैंड की चिंता

हालांकि इस ऐतिहासिक जीत के बीच इंग्लैंड के लिए एक चिंता की खबर भी सामने आई। तेज गेंदबाज गस एटकिंसन बॉक्सिंग डे टेस्ट के दूसरे दिन चोटिल होकर मैदान से बाहर चले गए। दूसरे दिन पहले सत्र के दौरान उनके बाएं हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आ गया। सुबह के सत्र में उन्होंने नाइटवॉचमैन स्कॉट बोलैंड का विकेट लिया था, लेकिन अपने पांचवें ओवर की आखिरी गेंद डालते समय उन्हें परेशानी महसूस हुई। गेंद डालने के बाद उन्होंने तुरंत अपनी बाईं जांघ पकड़ ली और इलाज के लिए ड्रेसिंग रूम चले गए। उनकी जगह सब्स्टीट्यूट फील्डर ओली पोप को मैदान में उतारा गया। लंच के बाद एटकिंसन दोबारा मैदान पर नहीं लौटे। एटकिंसन ने इस टेस्ट के पहले दिन 14 ओवर में 28 रन देकर 2 विकेट लिए थे। उनकी चोट की गंभीरता पर मेडिकल टीम नजर बनाए हुए है।

एशेज सीरीज पर जीत का असर

मेलबर्न टेस्ट में मिली इस जीत ने एशेज सीरीज को और रोमांचक बना दिया है। इंग्लैंड के लिए यह जीत आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है, जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए यह एक चेतावनी है कि इंग्लैंड को हल्के में नहीं लिया जा सकता। सीरीज के शेष मुकाबलों में दोनों टीमें नई रणनीति और जोश के साथ मैदान में उतरेंगी। इंग्लैंड इस जीत को आगे भी बरकरार रखना चाहेगा, जबकि ऑस्ट्रेलिया वापसी के इरादे से खेलेगा।


बड़ी उपलब्धि

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में मिली यह जीत इंग्लैंड के टेस्ट इतिहास में एक सुनहरे अध्याय के रूप में दर्ज हो गई है। 18 टेस्ट मैचों से चला आ रहा जीत का सूखा खत्म होना टीम के लिए बड़ी उपलब्धि है।


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