स्पेशल सेल करेगा बायर्स का रजिस्ट्रेशन, मिलेगा मालिकाना हक
शीर्ष अदालत ने नोएडा व ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण को तत्काल बायर्स की रजिस्ट्री खोलने के निर्देश दिए

नोएडा। शीर्ष अदालत ने नोएडा व ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण को तत्काल बायर्स की रजिस्ट्री खोलने के निर्देश दिए है। इसमे कोताही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को जेल जाना पड़ सकता है। गलतियां न हो इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने एक स्पेशल सेल बना दी है।
यदि किसी बायर्स को रजिस्ट्री के संबंध में कोई परेशानी या दिक्कत आती है वह सेल के अधिकारियों से संपंर्क कर सकता है।
नोएडा की सात व ग्रेटरनोएडा की छह परियोजनाओं के करीब 42 हजार होम बायर्स ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। इनमे से महज 10 हजार होम बायर्स को ही फ्लैटों पर कब्जा मिल चुका है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में करीब 600 होम बायर्स को कब्जा मिल चुका है।
इन सभी को मालिकाना हक अब तक नहीं मिला। मालिकाना हक के लिए रजिस्ट्री होना जरूरी है। बिल्डर पर कई हजार करोड़ रुपए का बकाया होने से प्राधिकरण ने रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी।
शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई कहा था कि फ्लैटों पर सिर्फ बायर्स का ही हक है। मंगलवार को अदालत ने बिना किसी देरी के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है। इसके लिए नोएडा व ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण ने शीर्ष अदालत को बताया कि उन्होंने अपने यहा एक स्पेशल सेल बना दी है।
रिसीवर से एनओसी लाने वाले प्रत्येक बायर्स की रजिस्ट्री की जाएगी। समस्या आने पर वह सेल के अधिकारियों से बातचीत कर सकते है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि रजिस्ट्री खोलने में किसी तरह की आनाकानी या बायर्स को परेशानी हुई तो संबंधित अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा। यह आदेश नोएडा व ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण को दिए है। बता दें 2009 में बायर्स ने घर बुक कराए थे। जिसमे महज 10 हजार लोगों को ही लैट पर कब्जा मिल सका है।
क्या मिलेंगी सभी सुविधा
करीब पांच साल बाद नोएडा के 10 हजार व ग्रेटरनोएडा वेस्ट के विला परियोजना के करीब 500 बायर्स को उनका मालिकाना हक मिलेगा। नेफोवा के संस्थापक इंद्रीश कुमार ने बताया कि आम्रपाली समूह ने पहली बार 2014 में पजेशन देना शुरू किया।
इसके बाद प्रतिसाल व छह महीने में पजेशन दिया गया। मजबूरन बायर्स ने आधी अधूरी बनी परियोजना में अपने फ्लैटों पर कब्जा लिया। क्या अधुरी सुविधाओं को एनबीसीसी पूरा करेगी। जिसे आम्रपाली समूह ने ब्राशर में दिखाकर लैट बेचा था।


