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किसानों को फसल बीमा दिलाने के लिए यूपी में चलेगा विशेष अभियान

उत्तर प्रदेश सरकार फसल को नुकसान होने पर किसानों को बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करेगी

किसानों को फसल बीमा दिलाने के लिए यूपी में चलेगा विशेष अभियान
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार फसल को नुकसान होने पर किसानों को बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करेगी।

कृषि विभाग द्वारा जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू होने वाले इस अभियान को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही शुभारंभ करेंगे।

यह उन विकास खंडों को कवर करेगा, जिनके पास केंद्र की महत्वाकांक्षी पीएम फसल बीमा योजना (पीएमसीआईएस) के तहत कम कृषि बीमा कवरेज है।

यूपी सरकार के सूत्रों के मुताबिक, पीएमसीआईएस के तहत अब तक यूपी के 27.5 लाख किसानों के खातों में 3,074.6 करोड़ रुपये का मुआवजा जमा किया जा चुका है।

इसमें खरीफ सीजन 2021 में 7 लाख से अधिक किसानों को 654.8 करोड़ रुपये के फसल मुआवजे का भुगतान शामिल है। रबी 2021-22 में 19.9 लाख किसानों द्वारा 14.2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा किया गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि, देवेश चतुर्वेदी द्वारा जारी एक निर्देश के अनुसार, यह अभियान आठ आकांक्षी जिलों बहराइच (रीसिया ब्लॉक), श्रावस्ती (सिरसिया), बलरामपुर (उतरौला), सिद्धार्थ नगर (लातान) में चयनित विकास खंडों को कवर करेगा। फतेहपुर (बिजयपुर), चित्रकूट (रामनगर) और चंदौली (नियामताबाद)।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 और 2019-20 के बीच यूपी में फसलों को हुए नुकसान का मूल्य दोगुना से अधिक हो गया है।

पिछले साल 31 अगस्त को राज्यवार व्यापार आंकड़ों के आधार पर तैयार किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि, रिपोर्ट किए गए फसल नुकसान के दावे 2018-19 में लगभग 470 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 में 1,116 करोड़ रुपये से अधिक हो गए।

दावा किए गए नुकसान के मुकाबले, भुगतान किए गए दावों की राशि 2019-20 में 1,092 करोड़ रुपये थी, जबकि 2018-19 में लगभग 40 करोड़ रुपये थी।

आंकड़ों से पता चलता है कि पीएमसीआईएस से लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या 2018-19 में 6 लाख से बढ़कर 2019-20 में 9 लाख से अधिक हो गई।

सूत्रों ने कहा कि फसल बीमा योजना में किसानों की भागीदारी दलितों और आदिवासियों के वर्चस्व वाले इलाकों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

इसके लिए राज्य सरकार न केवल जिला प्रशासन बल्कि बैंकों और जन सुविधा केंद्रों को भी जोड़ने की योजना बना रही है।

विभाग की योजना सोशल मीडिया पर किसानों की जानकारी और सफलता की कहानियों को प्रसारित करने की भी है।


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