महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के पोषण पर विशेष ध्यान जरूरी : चौहान
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने कमजोर और अभिवंचित वर्ग की महिलाओं तथा नवजात शिशुओं के पोषण पर विशेष ध्यान दिये जाने को जरूरी बताया

पटना। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने कमजोर और अभिवंचित वर्ग की महिलाओं तथा नवजात शिशुओं के पोषण पर विशेष ध्यान दिये जाने को जरूरी बताया और कहा कि एक स्वस्थ इंसान ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है।
चौहान ने आज यहां राजभवन में समाज कल्याण विभाग की ओर से राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत ‘पोषण माह’ (सितम्बर) में आयोजित ‘अन्नप्राशन समारोह’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि शरीर का भरण-पोषण सही ढंग से हो। उन्होंने कहा कि नवजात शिशु का पालन-पोषण यदि बचपन में ही समुचित रूप में हो जाता है तो व्यक्ति को जीवन भर स्वस्थ रहने में आसानी होती है।
राज्यपाल ने गरीब और तंग बस्तियों में रहने वाले विशेषतः कमजोर और अभिवंचित वर्ग के लोगों के बीच कुपोषण के खतरों की आशंकाओं की चर्चा करते हुए कहा कि समुचित जानकारी के लिए ‘विशेष जन-जागरूकता अभियान’ चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मां का दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। यह दूध उस संजीवनी के सदृश है, जिससे नवजात शिशु को आजीवन विभिन्न रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त हो जाती है।
चौहान ने कहा कि आज समाज के हर वर्ग की महिलाओं में यह चेतना जगाने की जरूरत है कि वे अपने बच्चों को अपना दूध भरपूर मात्रा में पिलायें तथा स्वयं भी पौष्टिक आहार लेते हुए अपने को भी स्वस्थ रखें। माताओं को हरी साग-सब्जियों, ताजे फल, दाल, मछली, अंडे, दूध आदि पौष्टिक आहार लेना चाहिए ताकि वे स्वयं भी स्वस्थ रहें और उनके बच्चे भी पर्याप्त दुग्ध-पान कर स्वस्थ और सशक्त बन सकें। उन्होंने कहा कि हर माता-पिता की यह जिम्मेवारी है कि वे अपने नवजात शिशुओं का सही रूप में पालन-पोषण करें ताकि उनके बच्चे बड़े होकर ठीक से पढ़े-लिखें और शारीरिक रूप से भी पूर्ण सक्षम रहकर देश और समाज की भरपूर सेवा कर सकें।


