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सावन में कावंडियों के लिए होगी विशेष व्यवस्था

आराधना का पवित्र मास सावन में गंगा से जलभर कर काशी में जलाभिषेक करने पहुंचने वाले कांवड़ियों के लिए प्रयागराज से वाराणसी के बीच हाईवे पर वन-वे की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी

सावन में कावंडियों के लिए होगी विशेष व्यवस्था
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प्रयागराज। देवाधिदेव महादेव की आराधना का पवित्र मास सावन में गंगा से जलभर कर काशी में जलाभिषेक करने पहुंचने वाले कांवड़ियों के लिए प्रयागराज से वाराणसी के बीच हाईवे पर वन-वे की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि सावन में गंगा के सात घाटों पर कांवरिये जल भर सकेंगे। कांवड़िये काशी विश्वनाथ समेत बिहार स्थित वैद्यनाथ धाम जाने के लिए गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के अलग-अलग घाटों से जल भरते हैं और अपने आराध्य का अभिषेक करते हैं। श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने जिले के सभी शिवालयों में साफ सफाई के निर्देश दिये हैं। संगम और गंगा के दूसरे घाट से लेकर हाई-वे तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए योजना बनाई जा रही है। घाटो से लेकर मार्गों तक सुरक्षा के निर्देश दिये गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग दो को वन-वे किया जाएगा, ताकि जल लेकर वाराणसी जाने वालों को कोई दिक्कत न हो। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर दूसरे जिले से भी फोर्स मांगी गई है।
प्रयागराज से वाराणसी के बीच हाईवे पर वाहनों की वन-वे व्यवस्था रहेगी। कांवडिये बायीं लेन पर चल सकेंगे जबकि बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए कांवड मार्ग के प्रत्येक एक

किलोमीटर पर डायल 100 पुलिस तैनात की जायेगी।

उन्होंने बताया कि जल भरने के लिए श्रृंगवेरपुर, फाफामऊ, दशाश्वमेध, काली सड़क, रामघाट, संगम नोज और अरैल घाट पर व्यवस्था बनाई जा रही है। सबसे अधिक कांड़िये दशश्वमेध घाट पर ही जल भरने आते हैं। श्रद्धालुओं की
सुविधा के लिए बैरीकेडिंग की जाएगी और नाव पर गोताखोरों के साथ जल पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। कांवरियों की सबसे अधिक भीड़ दशाश्वमेध घाट पर होती है। यहां सात मोटर बोट और सात चप्पू नाव लगाई जाएगी।

इस बीच प्रभारी जल पुलिस कड़ेदीन यादव का कहना है कि 17 जुलाई से कांवरियों के जल भरने का सिलसिला शुरू हो जाएगा, लेकिन उससे पहले सभी व्यवस्था कर ली जाएगी। जल पुलिस के जवानों के अलावा एक कंपनी पीएसी, एक प्लाटून बाढ़ राहत पीएसी, प्राइवेट और प्रशिक्षित गोताखोर तैनात किए जाएंगे।संगम पर दो और बाकी घाटों पर भी एक-एक मोटर बोट रहेगी, जिससे किसी तरह की स्थिति उत्पन्न होने पर उसे तुरंत संभाला जा सके


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