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सभापति वेंकैया नायडू पर बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप

राज्यसभा में फर्जी एनकाउंटर और पकौड़े वाले बयान पर सरकार को घेरने वाले विपक्ष का गुस्सा अब सभापति पर भी भड़क उठा है।

नई दिल्ली। राज्यसभा में फर्जी एनकाउंटर और पकौड़े वाले बयान पर सरकार को घेरने वाले विपक्ष का गुस्सा अब सभापति पर भी भड़क उठा है। कांग्रेस से लेकर सपा, टीएमसी, आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने सभापति वेंकैया नायडू पर बीजेपी का पक्ष लेने का आरोप लगाया और एकता दिखाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

2019 से पहले महागठबंधन की सुगबुगाहट के बीच सदन में आज मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकता की तस्वीर उस वक्त दिखाई दी, जब टीएमसी की मांग पर सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हो गई और केंद्र से लेकर सभापति का विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट कर लिया दरअसल राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी पर राज्य सरकार के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाकर स्थगन नोटिस दिया था, लेकिन सभापति वेंकैया नायडू ने इसे नामंजूर कर दिया जिसके बाद पूरी राज्यसभा विपक्ष के हंगामे की शोर से गूंज उठी, क्या कांग्रेस...क्या सपा, यहाँ तक कि राज्यसभा में पहली बार आई आम आदमी पार्टी ने भी टीएमसी का साथ देते हुए सभापति पर पक्षपात का आरोप लगा दिया।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्यसभा में लगातार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है और उन्हें नहीं बोलने दिया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के सुर तो और ही ज्यादा बुलंद थे।

सांसद नरेश अग्रवाल ने तो सभापति के कामकाज पर ही सवाल उठा दिए सपा-कांग्रेस से भी आगे बढ़कर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने तो इसे तानाशाह पूर्ण ही करार दे दिया।

सभापति पर शब्दों के बाण छोड़ने के बाद सभी विपक्षी पार्टियों एकता का नारा लगाती हुई सदन से बाहर चली गई जिसके बाद राज्यसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया वैसे विपक्षी पार्टियों के सदन में एक साथ आने से महागठबंधन की तस्वीर भी अब धीरे-धीरे साफ होने लगी है...कहा जा सकता है कि सदन से उठा एकता का नारा 2019 चुनाव से पहले सड़कों पर भी सुनाई देगा।


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