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सीएम शिवराज की आनंदीबेन से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की अटकलें तेज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद राज्य में श्री चौहान मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की संभावनाओं के बीच आज अटकलें तेज हो गयीं

सीएम शिवराज की आनंदीबेन से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की अटकलें तेज
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद राज्य में श्री चौहान मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की संभावनाओं के बीच आज अटकलें तेज हो गयीं।

सूत्रों का कहना है कि एक दो दिन में चौहान मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो सकता है। हालाकि इस संबंध में दोपहर डेढ़ बजे तक राजभवन और मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से पुष्टि नहीं की गयी और न ही इससे इंकार किया गया।

सूत्रों का कहना है कि श्री चौहान ने कल शाम राजभवन में राज्यपाल अानंदीबेन पटेल से मुलाकात की। श्री चौहान लगभग आधा घंटे तक राजभवन में रहे। इस मुलाकात का ब्यौरा बाहर नहीं आ सका।

श्री चौहान आज सुबह से अपने निवास पर ही हैं और दोपहर बाद विभिन्न बैठकों में हिस्सा ले सकते हैं।

राज्यपाल से मुख्यमंत्री की मुलाकात के मद्देनजर माना जा रहा है कि श्री चौहान मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित पुनर्गठन कर सकते हैं।

दोपहर में कुछ समाचार माध्यमों में मंत्रिमंडल पुनर्गठन संबंधी खबरें आने के बाद राजनैतिक सरगर्मियां अचानक बढ़ गयीं।
मुख्यमंत्री सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दूरभाष पर यूनीवार्ता से कहा कि वे भी श्री चौहान से चर्चा कर इस संबंध में पुष्टि का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं राजभवन के एक अधिकारी का कहना है कि अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में कोई पत्र राजभवन को नहीं मिला है।

मध्यप्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव हैं।इस लिहाज से मंत्रिमंडल विस्तार या पुनर्गठन की सभी को खासतौर से सत्तारूढ़ दल भाजपा के नेताओं को इसकी काफी प्रतीक्षा थी।

माना जा रहा है कि बेहतर परिणाम नहीं देने वाले कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है और कुछ नए चेहरे भी शामिल किए जा सकते हैं।

दो सौ 30 सदस्यीय विधानसभा के मान से निर्धारित मापदंडों के अनुरूप राज्य में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री के अलावा 19 कैबिनेट और नौ राज्य मंत्री हैं।

इस तरह बगैर किसी को हटाए अभी अधिकतम छह लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि प्राय: करके मुख्यमंत्री रणनीतिक तौर पर मंत्रिमंडल में कुछ स्थान रिक्त रखते हैं।


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