गांधी परिवार के गढ़ में उलझ गया गठबंधन
गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली और अमेठी की विधानसभा सीटों पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है। इसमें मुख्य रूप से अमेठी सीट पर मामला फंसा हुआ है।

लखनऊ, 28 जनवरी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और एसपी के बीच गठबंधन भले ही हो गया हो, लेकिन गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली और अमेठी की विधानसभा सीटों पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है। इसमें मुख्य रूप से अमेठी सीट पर मामला फंसा हुआ है।
दरअसल, पिछली बार इस सीट से सपा के उम्मीजदवार गायत्री प्रसाद प्रजापति ने जीत हासिल की थी, तो इस बार भी सपा ने उन्हें इसी सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया है। लेकिन कांग्रेस इससे नाराज़ है।
कांग्रेस इस सीट पर अमेठी के राजा संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह को उतारना चाहती है। दूसरी तरफ अखिलेश किसी भी तरह इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं दिख रहे, क्योंकि ऐसा होने पर मुलायम सिंह नाराज हो सकते हैं और चुनाव के इस अहम पड़ाव पर “औरंगज़ेब” होने का आरोप झेल रहे अखिलेश अब किसी भी कीमत पर पिता मुलायम को नाराज नहीं करना चाहते।
वैसे रायबरेली और अमेठी में कुल मिलाकर 10 विधानसभा सीटें हैं। पिछली बार इनमें से आठ सपा ने और दो कांग्रेस ने जीती थी।
माना जा रहा है कि मोटे तौर पर इस बार दोनों दलों ने पांच-पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। हालांकि सपा पूर्व में जीती अपनी सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारना चाहती थी, लेकिन गठबंधन के दबाव के चलते उसने समझौता किया। लेकिन अमेठी सीट को लेकर कांग्रेस अड़ गई है और सपा उसकी बात मानती है तो अपने मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को उस सीट से उतारने का फैसला उसे वापस लेना होगा।
तो गठबंधन के बावजूद अब अमेठी सीट पर पेंच फंसा हुआ है और दोनों ही पार्टियां एक- दूसरे के सामने झुकने को तैयार नहीं है। ऐसे में देखना होगा कि अब अमेठी सीट पर कौन दावा ठोंकेगा।


