Top
Begin typing your search above and press return to search.

सपा-बसपा गठबंधन ने दिया कांग्रेस को बड़ा झटका

कट्टर प्रतिद्वंद्वी बीएसपी और सपा ने आज घोषणा की कि वे आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे, उन्होंने सीटों का ऐलान करते हुए कहा कि दोनों पार्टी 80 में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी

सपा-बसपा गठबंधन ने दिया कांग्रेस को बड़ा झटका
X

लखनऊ। कट्टर प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने शनिवार को घोषणा की कि वे आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे। उन्होंने सीटों का ऐलान करते हुए कहा कि दोनों पार्टी 80 में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।

रायबरेली और अमेठी सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई हैं, जो गठबंधन से बाहर है।

बसपा प्रमुख मायावती ने पांच सितारा होटल में अपने सपा समकक्ष अखिलेश यादव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "अन्य दो सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ दी हैं।"

मायावती ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद भी रहेगा। दोनों पार्टियां मिलकर विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगी।

उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां भाजपा के राक्षसी शासन को खत्म करने के लिए अपनी निजी मतभेदों को एक तरफ कर देंगे।

वहीं, अखिलेश ने मायावती को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन देने का संकेत देते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश ने अतीत में कई प्रधानमंत्री दिए हैं। आप जानते हैं कि मैं किसका समर्थन करूंगा। अगर इस राज्य से कोई प्रधानमंत्री बनता है तो मुझे खुशी होगी।"

मायावती ने भाजपा को फिर से सत्ता में आने से रोकने के लिए गठबंधन को राष्ट्रीय हित में ली गई 'नई राजनीतिक क्रांति' बताते हुए कहा, "हम मोदी-शाह की नींद लूट लेंगे।"

दोनों नेताओं ने कहा कि वे एक-साथ भाजपा से लड़ेंगे और उन्हें उत्तर प्रदेश में हराएंगे।

मायावती ने कहा, "बसपा और सपा प्रत्येक 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि दो सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ दी गई हैं। हमने अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ने का फैसला किया है हालांकि, हमारा उनके साथ गठबंधन नहीं है।"

दोनों पार्टियों के एक साथोने को विश्लेषक एक संभावित गेमचेंजर के जरिए से देख रहे हैं। इससे पहले मोदी लहर की वजह से दोनों दल 2014 लोकसभा चुनाव और 2017 का विधानसभा चुनाव हार गए थे।

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 80 में से 71 सीटें जीती थी जबकि उनके साझेदार अपना दल दो सीटों पर जीती थी। बसपा का खाता भी नहीं खुला था। सपा पांच सीटों पर जीती थी जबकि कांग्रेस दो सीटें जीती थी।

मायावती ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे पर फैसला चार जनवरी को दिल्ली में एक बैठक में हुआ था और सीटों के वितरण पर भी व्यापक काम किया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it