व्यापार के लिए लाइसेंस और नामांतरण ऑनलाइन जारी करेगा दक्षिणी निगम
विभिन्न छोटे-मोटे व्यापार के लिए लाइसेंस और नामांतरण (म्युटेशन) प्रक्रिया सरल बनाने की दिशा में कार्यरत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने एक नई वेबसाइट एमसीडी ऑनलाइन डॉट गोव डॉट इन की शुरुआत कर दी है
नई दिल्ली। विभिन्न छोटे-मोटे व्यापार के लिए लाइसेंस और नामांतरण (म्युटेशन) प्रक्रिया सरल बनाने की दिशा में कार्यरत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने एक नई वेबसाइट एमसीडी ऑनलाइन डॉट गोव डॉट इन की शुरुआत कर दी है। इसके जरिये निगम सेवाओं का लाभ घर बैठे उठाया जा सकेगा। इन सेवाओं में ऑनलाइन म्युटेशन कराना (संपत्ति के मालिकाना हक का हस्तांतरण), घोड़ा गाड़ी पंजीकरण शुल्क, फेरी लगाने से संबंधित शुल्क और तहबाजारी के लिए लाइसेंस शुल्क का भुगतान शामिल है।
बुधवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय सिविक सेंटर में सासंद व दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस वेबसाइट का लोकार्पण किया। निगम इन सभी सुविधा के लिए एक एप भी तैयार करेगा जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
इस अवसर पर मनोज तिवारी ने कहा कि नई वेबसाइट अधिक इंटर एक्टिव और सूचनाप्रद है। आने वाले समय में इसे सोशल मीडिया के साथ जोड़ा जाना चाहिए ताकि इन सेवाओं पर लोगों की प्रतिक्रिया भी ली जा सके।
इस मौके पर उन्होंने निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों और निगम के अधिकारियों को दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाने, निगम की सेवाएं डिजीटल करने और डॉर्क स्पाट को खत्म करने की दिशा में तेजी से काम करने को कहा।
मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है जिसके लिए शहर के सभी डार्क स्पॉट को रौशन करने का काम जल्द पूरा करना है। इसी के साथ दस रुपये थाली मुहैया कराने की योजना को भी एक महीने के अंदर शुरू करने की बात कही।
इस मौके पर आयुक्त डॉ. पुनीत गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुसार दक्षिणी दिल्ली निगम डिजिटल इंडिया के उद्देश्य पूरा कर रही है। इसके तहत बिल्डिंग प्लान को ऑनलाइन मंजूरी देने के साथ सामान्य व्यापार लाइसेंस, स्वास्थ्य व्यापार लाइसेंस और फेक्ट्री लाइसेंस भी ऑनलाइन जारी किए रहे हैं।
निगम की इन ऑनलाइन सेवाओं को अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है। वहीं, स्थायी समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह मोंटी ने म्युटेशन के बारे में बताते हुए कहा कि जब कोई संपति एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम हस्तांतरित होती है तब उस संपत्ति से संबंधित संपतिकर के भुगतान की जिम्मेदारी भी नये मालिक के पास आ जाती है।
अक्सर संपति का म्युटेशन कराने के लिए लोग संपत्तिकर विभाग के कार्यालयों में बार बार चक्कर लगाते हैं। इस दौरान उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लिहाजा निगम ने ई म्युटेशन की नई प्रणाली शुरू की है। इसके जरिये ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है और जरूरी दस्तावेज भी अपलोड किये जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अगर इन दस्तावेजों के बारे में निगम को कोई संदेह होगा तो इसकी सूचना आवेदक को ऑनलाइन दी जाएगी। उधर, महापौर श्याम शर्मा ने कहा कि म्युटेशन सर्टिफिकेट जारी करने के लिए आवेदन की तिथि से 15 दिन का समय रखा गया है। अगर तय समय के अंदर निगम ने नामांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की तो आवदेनकर्ता को प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा।
इस मौके पर सदन के नेता सुभाष आर्य ने कहा कि निगम के डिजीटल कार्यक्रमों की वजह से संपतिकर संकलन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। साल 2016-17 में 901 करोड़ रुपये का संकलन हुआ जोकि 2015-16 के 650 करोड़ रुपये के संकलन से 38 प्रतिशत अधिक है।


