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दक्षिण कोरिया : यून की पेशी, अदालत के बाहर जमा हुए पूर्व राष्ट्रपति के समर्थक और विरोधी

दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल के समर्थक और विरोधी सोमवार को सोल की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के बाहर जमा हुए। यून यहां एक आपराधिक मामले की पहली सुनवाई में शामिल होने आए थे। यह मामला पिछले साल उनके मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा से जुड़ा है

दक्षिण कोरिया : यून की पेशी, अदालत के बाहर जमा हुए पूर्व राष्ट्रपति के समर्थक और विरोधी
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सोल। दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल के समर्थक और विरोधी सोमवार को सोल की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के बाहर जमा हुए। यून यहां एक आपराधिक मामले की पहली सुनवाई में शामिल होने आए थे। यह मामला पिछले साल उनके मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा से जुड़ा है।

करीब 20 लोग जो यून के समर्थक थे, सुबह 9 बजे से ही कोर्ट के सामने इकट्ठा हो गए। उन्होंने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के झंडे लहराए और 'यून फिर से' जैसे नारे लगाए। कुछ लोगों ने जोर-जोर से कहा, 'राष्ट्रपति दोषी नहीं हैं।'

योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक, कोर्ट के गेट के सामने वाली सड़क पर एक बैनर लगा था, जिसमें यून के केस के मुख्य जज की तारीफ की गई थी।

सुबह 9:50 बजे यून को लेकर एक कार कोर्ट में पहुंची। उन्हें देखकर उनके समर्थक काफी जोश में आ गए।

इसी दौरान, यून के विरोधियों का एक समूह कोर्ट के पास इकट्ठा हुआ। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्व राष्ट्रपति को फिर से गिरफ्तार करने और उन्हें सख्त सजा देने की मांग की।

सोल की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में यून के खिलाफ बगावत के आरोपों पर सोमवार को सुनवाई होनी है। योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यून को इस केस में आरोपी के तौर पर कोर्ट में मौजूद रहना जरूरी है।

यून ऐसे पांचवें पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्हें आपराधिक मामले का सामना करना पड़ रहा है।

जनवरी में यून को गिरफ्तार किया गया और उन पर आपराधिक विद्रोह का आरोप लगाया गया। लेकिन, पिछले महीने सोल कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को रद्द कर दिया और उन्हें बिना जेल में रखे मुकदमा चलाने की अनुमति दी, जिसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।

बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा लेकिन इसने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।

नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया। संवैधानिक न्यायालय ने पिछले दिनों उनके खिलाफ महाभियोग को जारी रखा जिसके बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा।


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