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दक्षिण कोरिया: राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग के लिए लाखों याचिकाएं

दक्षिण कोरिया के लोग अपने राष्ट्रपति यून सुक येओल से इतने नाराज हैं कि उनके खिलाफ महाभियोग लाने की याचिका पर आठ लाख से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं. 50,000 से ज्यादा हस्ताक्षर हों तो संसद को विचार करना पड़ता है.

दक्षिण कोरिया: राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग के लिए लाखों याचिकाएं
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दक्षिण कोरिया के लोग अपने राष्ट्रपति यून सुक येओल से इतने नाराज हैं कि उनके खिलाफ महाभियोग लाने की याचिका पर आठ लाख से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं. 50,000 से ज्यादा हस्ताक्षर हों तो संसद को विचार करना पड़ता है.

राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग की मांग करने वाली इस ऑनलाइन याचिका पर इतने लोग हस्ताक्षर करने की कोशिश कर रहे हैं कि ऑनलाइन इसमें देरी और काफी व्यवधान हो रहे हैं.

यह जानकारी इस एशियाई देश की संसद के स्पीकर वू वून-शिक ने दी और उन्होंने आश्वासन दिया कि समस्या जल्द ही दूर कर दी जाएगी. संसद की वेबसाइट पर याचिका पर हस्ताक्षर करने की सुविधा 20 जून को शुरू कर दी गई थी और अभी तक 8,11,000 से ज्यादा हस्ताक्षर आ चुके हैं.

क्या हैं राष्ट्रपति के खिलाफ आरोप

याचिका में मांग की गई है कि संसद यून के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए एक कानून ले कर आए. याचिका के मुताबिक यून इस पद के लिए अयोग्य हैं. 30 जून को एक बयान में स्पीकर वू ने व्यवधान के लिए माफी मांगी और कहा कि संसद जनता के संवैधानिक अधिकार की रक्षा के लिए कदम उठाएगी.

सोमवार को याचिका को खोलने की कोशिश करने वालों को चार घंटों तक की देर का सामना करना पड़ा. एक बार तो एक एरर मेसेज दिखा रहा था कि 30,000 से भी ज्यादा लोग वेबसाइट खोलने की कोशिश कर रहे थे. राष्ट्रपति की तरफ से तुरंत कोई बयान नहीं आया था.

किस हाल में रहते हैं दक्षिण कोरिया में प्रवासी मजदूर

याचिका में यून पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. यह आरोप भी लगाए गए हैं कि उन्होंने उत्तर कोरिया के साथ युद्ध के खतरे को भड़काया है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि उन्होंने जापान को नष्ट हो चुके फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से रेडियोएक्टिव पानी छोड़ने से ना रोक कर दक्षिण कोरिया के लोगों के लिए एक स्वास्थ्य संबंधी जोखिम खड़ा कर दिया है.

देश के कानून के मुताबिक अगर किसी याचिका पर 50,000 से ज्यादा लोग हस्ताक्षर कर देते हैं तो संसद को उसे एक समिति के पास भेजना पड़ता है, जो यह तय करती है कि संसद में उस पर मतदान करवाना चाहिए या नहीं.

झिझक रहा है विपक्ष

लेकिन इस बार मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि विपक्षी पार्टी 'डेमोक्रेटिक पार्टी' संसद में बहुमत में होने के बावजूद इस याचिका को महाभियोग विधेयक में बदलने से झिझक रही है. पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी में अभी इस मामले पर चर्चा नहीं हुई है.

संसद दो-तिहाई बहुमत से राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की मांग कर सकती है. उसके बाद देश की संवैधानिक अदालत प्रस्ताव पर विचार करती है और राष्ट्रपति को हटाने या फिर से पद पर लाने का फैसला करती है.

जब उत्तर कोरिया में शुरू हो गई थी युद्ध की तैयारी

यून 2022 में राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अलोकप्रिय रहे हैं. अप्रैल के बाद से उनकी ताजा अप्रूवल रेटिंग 25 प्रतिशत के आस पास है. दक्षिण कोरिया की संसद ने दो बार राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाया है - 2004 में रो मू-ह्यून और 2017 में पार्क ग्यून-हाई के खिलाफ. अदालत ने पार्क को तो हटा दिया था लेकिन रो को फिर से पद पर ले आई थी.


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