जल्द ही मिलेगी नोएडा से मोहन नगर मेट्रो की सौगात
नोएडा से मोहन नगर मेट्रो का इंतजार कर रहे लाखों लोगों के लिए खुशखबरी है
गाजियाबाद। नोएडा से मोहन नगर मेट्रो का इंतजार कर रहे लाखों लोगों के लिए खुशखबरी है। डीएमआरसी ने नोएडा के सेक्टर-62 से मोहन नगर तक मेट्रो के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम शुरू कर दिया है। 6 से 8 महीने में डीपीआर तैयार होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। इस रूट पर मेट्रो के चालू होने से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और टीएचए के बीच मेट्रो की कनेक्टिविटी हो जाएगी और रोज जाम से जूझने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।
जीडीए के अधिशासी अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि नोएडा के सेक्टर-32 से 62 तक निर्माणाधीन मेट्रो को इंदिरापुरम, वसुंधरा होते हुए मोहन नगर तक विस्तारित करने और ब्लू लाइन मेट्रो को वैशाली से मोहन नगर तक विस्तारित करने के लिए डीएमआरसी ने डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया है। एक करोड़ दस लाख की लागत से डीपीआर तैयार होगी, जिसमें से पहली किस्त के रूप में 30 लाख की राशि एक पखवाड़े पहले डीएमआरसी को जारी की गई है। बाकी राशि अगले छह महीने में तीन किस्तों में दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि डीपीआर तैयार होने के बाद ही इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाली कुल राशि का पता चलेगा। जीडीए की कोशिश होगी कि डीपीआर तैयार होने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाए। डीएमआरसी सूत्रों के अनुसार निर्माण कार्य पूरे करने में करीब दो से ढाई साल का समय लग जाएगा यानी इस रूट पर मेट्रो 2020 में दौड़ पाएगी। डीएमआरसी सूत्रों ने बताया कि डीपीआर बनाने के दौरान यह तय होगा कि नोएडा के सेक्टर-62 से मेट्रो इंदिरापुरम होते हुए सीधे वैशाली मेट्रो स्टेशन जाएगी या वैशाली न जाकर वसुंधरा से मुड़कर मोहन नगर जाएगी।
इंदिरापुरम व वसुंधरा में स्टेशन बनेंगे। वसुंधरा में रेडलाइट कट पर स्टेशन की जगह चिह्नित हो सकती है। वैशाली से मोहन नगर और नोएडा सेक्टर-62 से मोहन नगर जाने के दौरान बीच में वसुंधरा का स्टेशन आएगा। सूत्रों ने बताया कि अगर सेक्टर-62 से इंदिरापुरम, वसुंधरा होते हुए मोहन नगर की रूट बनेगी तो सेक्टर 62 से वैशाली की तरफ जाने के लिए वसुंधरा में मेट्रो चेंज करना होगा।
19 अप्रैल 2016 को जीडीए की 145 वीं बोर्ड बैठक में यह एलान किया गया था कि डीएमआरसी ने नोएडा टू मोहन नगर मेट्रो की डीपीआर बनाने की स्वीकृति दे दी है। इसके बाद 15 सितम्बर 2016 को मेरठ में अवस्थापना निधि की हुई बैठक में डीपीआर के लिए 1.10 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी। यह राशि अगर समय से डीएमआरसी को उपलब्ध करा दी गई होती तो अब तक डीपीआर तैयार भी हो गई होती।


