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सोनिया ने स्टालिन से मिलकर तमिलनाडु पर चर्चा की

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता एम.के.स्टालिन ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और तमिलनाडु के राजनीतिक हालात पर चर्चा की।

सोनिया ने स्टालिन से मिलकर तमिलनाडु पर चर्चा की
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नई दिल्ली। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता एम.के.स्टालिन ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और तमिलनाडु के राजनीतिक हालात पर चर्चा की। स्टालिन ने गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी तथा पिछले सप्ताह तमिलनाडु विधानसभा में घटी घटना पर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था।

डीएमके के एक नेता ने कहा, "यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। उन्होंने सोनिया से उनके स्वास्थ्य के बारे में जाना और उन्होंने (सोनिया) डीएमके अध्यक्ष करुणानिधि के स्वास्थ्य के बारे में पूछा। यह औपचारिक चर्चा थी। उन्होंने तमिलनाडु के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की।"

डीएमके नेता ने कहा कि यह 'रणनीतिक मुलाकात' भी थी, क्योंकि पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद स्टालिन पहली बार यहां आए थे। पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की एक घटक भी है।

डीएमके नेता ने कहा, "कल (गुरुवार) शाम सात बजे के आसपास स्टालिन ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और तमिलनाडु विधानसभा में 18 फरवरी की घटना को लेकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।"तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने विश्वास मत को अवैध घोषित करने के लिए याचिका भी दाखिल कर रखी है।

अपनी याचिका में डीएमके नेता ने न्यायालय से मांग की है कि वह विधानसभा अध्यक्ष पी.धनपाल को यह निर्देश दे कि वह राज्यपाल के सचिव, मुख्य सचिव तथा निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में विश्वास मत कराएं।

इस बीच, मद्रास उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री के.पलनीस्वामी द्वारा हासिल विश्वास मत को ढंडे बस्ते में डालने या उसे अवैध घोषित करने संबंधित कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करते हुए स्टालिन द्वारा दाखिल याचिका की सुनवाई 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।

न्यायालय ने तमिलनाडु विधानसभा की 18 फरवरी की कार्यवाही का वीडियो फुटेज भी जमा कराने का आदेश दिया है, जिस दिन पलनीस्वामी ने विश्वास मत हासिल किया था। उनके पक्ष में 122 वोट पड़े थे, जबकि विरोध में 11 मत।स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में हुई घटना के विरोध में दिनभर की भूख हड़ताल भी की थी।

दरअसल, 18 फरवरी को विधानसभा में मुख्यमंत्री पलनीस्वामी द्वारा विश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद डीएमके विधायकों ने हंगामा किया, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पार्टी के सभी विधायकों को बाहर निकलवा दिया।


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