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विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में घट रही सोनिया गांधी की लोकप्रियता

आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है

विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में घट रही सोनिया गांधी की लोकप्रियता
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नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है। उसके पास पार्टी के अंदर और बाहर आतंरिक कलह को कम करने के अलावा आलोचकों को चुप कराने के साथ अगले साल के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने की बड़ी चुनौती है। इस बीच एक ऐसी खबर है, जो पार्टी के लिए अच्छी नहीं है, क्योंकि चुनावी राज्यों में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष की लोकप्रियता घट रही है। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर शामिल हैं। पंजाब को छोड़कर सभी राज्यों में भाजपा का शासन है।

एबीपी-सीवोटर-आईएएनएस बैटल फॉर द स्टेट्स - वेव 1 - के अनुसार, गोवा में 11.9 प्रतिशत लोग सोनिया गांधी से बहुत संतुष्ट हैं। इसके अलावा मणिपुर में 17.6 प्रतिशत, पंजाब में 14.2, यूपी में 25.2, उत्तराखंड में 19.1 प्रतिशत लोग उनसे बहुत संतुष्ट हैं। जबकि इस मामले में उनके लिए अखिल भारतीय औसत महज 18.7 प्रतिशत है।

कुछ हद तक संतुष्ट श्रेणी में गोवा में 40.6 प्रतिशत उत्तरदाता शामिल रहे। इसके अलावा मणिपुर में 25.9, पंजाब में 15.4, उत्तर प्रदेश में 15.8, उत्तराखंड में 20.1 प्रतिशत लोग कुछ हद तक सोनिया से संतुष्ट दिखे। कुछ हद तक संतुष्टि के मामले में उनका समग्र औसत 19.8 प्रतिशत दर्ज किया गया है।

वहीं अगर असंतुष्टि की बात करें तो औसतन 41.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वह सोनिया से संतुष्ट नहीं हैं। इसके अलावा गोवा में 37.6, मणिपुर में 39.7, पंजाब में 51.2, यूपी में 44.6 और उत्तराखंड में 48.1 प्रतिशत लोग उनके काम से संतुष्ट नहीं हैं।

लेकिन इसी सर्वेक्षण में कुल मिलाकर उत्तरदाताओं की संख्या 40 प्रतिशत है, जो प्रधानमंत्री से बहुत अधिक संतुष्ट हैं, जबकि 28.1 प्रतिशत कुछ हद तक संतुष्ट हैं।

यह सर्वेक्षण कांग्रेस के लिए आंखें खोलने वाला हो सकता है, जो पंजाब में वापसी करना चाह रही है और उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन करते हुए गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड जैसे राज्यों में जीत हासिल करना चाह रही है। लेकिन शीर्ष नेता की लोकप्रियता में गिरावट कांग्रेस के लिए चिंताजनक हो सकता है और उसे स्थानीय नेतृत्व पर ही भरोसा करके चलना पड़ सकता है। जबकि पंजाब में गिरावट आश्चर्यजनक है, क्योंकि किसान आंदोलन के कारण यह भविष्यवाणी की गई थी कि कांग्रेस पंजाब विधानसभा चुनाव को जीत लेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि आंतरिक दरार ने पार्टी की संभावनाओं को प्रभावित किया है।

इन पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीन राज्यों गोवा उत्तराखंड और मणिपुर में सीधे मुकाबले में हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी लड़ाई मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ है। आंतरिक विवादों में घिरी सत्तारूढ़ कांग्रेस का पंजाब में अकाली दल और आम आदमी पार्टी (आप) से मुकाबला है और चुनाव से पहले कांग्रेस को पार्टी और संगठन में आंतरिक कलह को कम करना होगा।


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