सोनम रघुवंशी मामला भारतीय संस्कृति के विपरीत, दोषी को मिलेगी सजा : बबीता सिंह चौहान
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने औरैया जिले के दौरे के दौरान सोनम रघुवंशी मामले को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और भारतीय संस्कृति के विपरीत बताते हुए समाज में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया

औरैया। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने औरैया जिले के दौरे के दौरान सोनम रघुवंशी मामले को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और भारतीय संस्कृति के विपरीत बताते हुए समाज में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया।
बबीता सिंह ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की घटना हो रही है, यह निश्चित रूप से गलत है। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। कम से कम हमारे भारत में तो नहीं हो सकती क्योंकि भारतीय संस्कृति में तो यह कभी सिखाया ही नहीं गया कि महिलाएं इस तरह के काम करें। जहां तक इस केस की बात है, मुझे लगता है कि इस मामले की जांच जारी है। जो भी दोषी होगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा जरूर मिलेगी। दोषी कोई भी हो, चाहे पुरुष हो या महिला, उसे बराबर सजा मिलनी चाहिए। अपराध करने वाला अपराधी है और उसे कानून के दायरे में दंडित किया जाना चाहिए।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि यह खबर जानकर वह दंग रह गईं। उन्होंने कहा, "मैं यहीं सोच रही हूं कि हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है। आए दिन इस तरह की घटनाएं हो ही रही हैं। मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि बच्चों की जल्दबाजी में शादी न करके थोड़ा आपस में भी समय बिताने का समय देना चाहिए। जबरदस्ती शादियां नहीं होनी चाहिए। जल्दबाजी में शादी के फैसले और जबरदस्ती की शादियां इस तरह की घटनाओं को जन्म देती हैं। माता-पिता को बच्चों की इच्छाओं को समझना चाहिए। शादी से पहले बच्चों को एक-दूसरे को जानने का समय देना चाहिए। काउंसलिंग की जानी चाहिए ताकि ऐसी त्रासदियां रोकी जा सकें। सामाजिक प्रतिष्ठा के दबाव में जबरदस्ती शादी करवाना उचित नहीं है।"
पुरुष आयोग के गठन की मांग पर उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश की आबादी में पुरुष और महिलाएं लगभग बराबर हैं, लेकिन महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के मामले बहुत अधिक हैं। फिर भी अगर महिलाएं इस तरह के अपराध करती हैं, तो यह बेहद निंदनीय है। ऐसी मानसिकता को बदलने की जरूरत है।”
उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे शादी जैसे महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले एक-दूसरे से खुलकर बात करें और अपनी इच्छाओं को स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि माता-पिता और समाज को बच्चों की निजता का सम्मान करना चाहिए। जबरदस्ती थोपी गई शादियां ऐसी घटनाओं को जन्म देती हैं। समझदारी और संवाद से इन समस्याओं को हल किया जा सकता है।


