तृणमूल के कुछ विधायक कोविंद के पक्ष में कर सकते हैं मतदान
त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस के छह विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के समर्थन में मतदान कर सकते हैं

अगरतला। त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस के छह विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के समर्थन में मतदान कर सकते हैं।
तृणमूल के एक नेता ने रविवार को यह जानकारी दी। तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष आशीष साहा ने आईएएनएस से कहा, "हमने शनिवार की रात यहां एक बैठक की और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार को वोट न देने का फैसला किया है, क्योंकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भी मीरा कुमार का ही समर्थन कर रही है।"
उन्होंने कहा, "चूंकि रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार के अलावा कोई अन्य उम्मीदवार नहीं है, ऐसे में हम राजग के उम्मीदवार कोविंद का समर्थन कर सकते हैं। अगले कुछ दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी।"
साहा ने कहा, "फैसला हो गया है कि त्रिपुरा के सभी छह तृणमूल विधायक माकपा के समर्थन वाली उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे।"
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस आधिकारिक तौर पर विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन कर रही है।
ऐसी खबरें हैं कि भाजपा के महासचिव राम माधव और असम के भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा ने त्रिपुरा में तृणमूल के विधायकों से कोविंद के पक्ष में मतदान करने का अनुरोध किया।
ऐसी भी खबरें हैं कि त्रिपुरा में तृणमूल के यह छह विधायक इसी महीने भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
साहा ने कहा, "अभी ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है कि तृणमूल के विधायक भाजपा में शामिल हो रहे हैं। हम त्रिपुरा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में माकपा के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं।"
पिछले हफ्ते ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब ने कहा था कि तृणमूल और कांग्रेस के नौ विधायकों के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो चुके हैं।
देब ने कहा था, "पार्टी के केंद्रीय नेताओं से परामर्श करने के बाद हमने तृणमूल और कांग्रेस के नौ विधायकों को भाजपा में शामिल होने के लिए 31 मई तक की तारीख तय की थी। वह समयसीमा अब समाप्त हो चुकी है और हमारे दरवाजे बंद हो चुके हैं।"


