आर्मीनिया और अजरबैजान सैन्य लड़ाई का हल बातचीत से निकालें : भारत
भारतीय विदेश मन्त्रालय ने कहा, आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच सीमा पर फिर से खूनी जंग शुरू हो गई है

नई दिल्ली। भारतीय विदेश मन्त्रालय ने कहा, आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच सीमा पर फिर से खूनी जंग शुरू हो गई है। सेना में जंग से कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता हैं। विदेश मन्त्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा हम किसी भी सैन्यशत्रुता को तुरंत समाप्त करने का आग्रह करते हैं। हम हमलावर पक्ष से तुरंत शत्रुता को समाप्त करने का भी अनुरोध करते हैं। दोनों पक्षों को एक ठोस और शांतिपूर्ण समाधान पर पहुंचने के लिए बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वहीं, अमेरिका ने कहा कि वह हमलों की खबरों को लेकर बेहद चिंतित हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने सोमवार को कहा कि, 'जैसा कि हमने लंबे समय से स्पष्ट किया है, जंग का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है।'
उन्होंने कहा कि 'हम किसी भी सैन्य शत्रुता को तुरंत समाप्त करने का आग्रह करते हैं।' साल 2020 में लड़ी गई लड़ाई के बाद से आर्मीनिया-अजरबैजान सीमा पर लड़ाई की लगातार खबरें आती रही हैं। पिछले हफ्ते आर्मेनिया ने अजरबैजान पर सीमा पर हमले में अपने एक सैनिक को मारने का आरोप लगाया था।
अजरबैजान ने कहा कि, उसने एक सैनिक खो दिया है, और कराबाख सेना ने कहा कि उसके दो सैनिक मारे गए और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए।
अप्रैल-मई में ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ की मध्यस्थता वाली वार्ता के दौरान, अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हम अलीयेव और आर्मेनिया प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन ने भविष्य की शांति संधि पर 'अग्रिम चर्चा' पर सहमति व्यक्त की थी।
आर्मेनिया सरकार के अनुसार, प्रधानमंत्री पशिनियन ने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन के साथ नवीनतम संघर्षों पर अलग-अलग फोन पर बात की है। आर्मेनिया सरकार ने कहा कि, प्रधानमंत्री ने अजरबैजानी सशस्त्र बलों की'उकसाने वाली, आक्रामक कार्रवाई' की निंदा की और 'अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पर्याप्त प्रतिक्रिया' का आह्वान किया है।


