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सौर घोटाला यौन उत्पीड़न मामला : ओमन चांडी को क्लीन चिट मिलने पर कांग्रेस ने की विजयन से माफी की मांग

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सनसनीखेज सौर घोटाले से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को क्लीन चिट दे दी है

सौर घोटाला यौन उत्पीड़न मामला : ओमन चांडी को क्लीन चिट मिलने पर कांग्रेस ने की विजयन से माफी की मांग
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तिरुवनंतपुरम, 28 दिसंबर: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सनसनीखेज सौर घोटाले से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को क्लीन चिट दे दी है। इस घोटाले ने केरल में पिछली संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार को हिलाकर रख दिया था।

जैसे ही खबर आई कि सीबीआई ने चांडी को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया, चांडी के करीबी सहयोगी पूर्व कैबिनेट और पार्टी सहयोगी केसी जोसेफ ने मांग की कि विजयन को अब चांडी को एक दूसरे मामले में फंसाने की कोशिश करने के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए।

जोसफ ने कहा, 'सच्चाई को लंबे समय तक दबाया नहीं जा सकता और अब विजयन को अपने इस क्रूर कृत्य के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए।'

सौर घोटाले के आरोपियों द्वारा दायर एक शिकायत पर मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा उनका यौन शोषण किया गया था।

अप्रैल 2021 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से शिकायत की थी, जिन्होंने इसे सीबीआई को सौंप दिया था।

उन्होंने केरल पुलिस की जांच से नाराज होकर शिकायत की, जो कई वर्षों के बाद भी किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में विफल रही।

पिछले साल अगस्त में, सीबीआई ने केरल के दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, वेणुगोपाल और कांग्रेस के लोकसभा सदस्य हिबी ईडन, अदूर प्रकाश, कांग्रेस विधायक ए.पी. अनिल कुमार और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ए.पी. अब्दुल्ला कुट्टी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

अब इन सभी नेताओं को सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है।

यह 'पीड़िता' ही मुख्य कारण थी, जिसके कारण ओमन चांडी सरकार गिरी थी। दरअसल, इसमें शामिल घोटाले और चांडी के कार्यालय के कुछ सदस्यों का पदार्फाश हुआ था, जिसका वामपंथियों ने 2016 में अपने चुनाव अभियान में व्यापक रूप से उपयोग किया था।

चांडी के कार्यालय के कुछ कर्मचारियों के साथ उसके संबंध सामने आए, जो वामपंथियों के लिए सबसे बड़ा अभियान मुद्दा बन गया।

सत्तारूढ़ वाम दलों ने अप्रैल 2021 के विधानसभा चुनावों में भी इस मामले का इस्तेमाल किया।

चांडी ने अपने मुश्किल समय के दौरान खुद को शांत रखा और यह कहते रहे कि मुझे कोई डर नहीं है क्योंकि मैंने कोई गलत काम नहीं किया है।

गले के कैंसर का इलाज कराने के बाद फिलहाल वह बेंगलुरु में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

2016 के विधानसभा चुनावों में शर्मनाक हार के बाद चांडी ने कोई भी पद लेने से इनकार कर दिया और लो प्रोफाइल बने रहे, लेकिन हमेशा लोगों के बीच रहे।

विजयन के कट्टर प्रतिद्वंद्वी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा, यह खुशी की बात है कि सीबीआई ने चांडी को बरी कर दिया है, क्योंकि अगर केरल पुलिस ने ऐसा किया होता तो चीजें अलग होतीं।

नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने कहा, 'विजयन को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने का यह उनका ट्रेडमार्क तरीका है।

सतीशन ने कहा, विजयन ने कहा कि यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है, क्योंकि 'पीड़िता' की इच्छा थी। यदि ऐसा है, तो वह सीबीआई जांच की मांग क्यों नहीं कर रहे हैं, जिसकी मांग एक अन्य 'महिला' (स्वर्ण घोटाले की आरोपी स्वप्ना सुरेश) ने की है। सीपीआई (एम) को राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के इस गंदे तरीके को बंद करना चाहिए और विजयन को चांडी से माफी मांगनी चाहिए।


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