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सौर ऊर्जा परियोजनाओं को परामर्श सेवाएं, वित्तीय मदद देगा भारत

भारत ने आईएसए के अंतर्गत विकासशील देशों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण एवं रियायती वित्तपोषण की दिशा में नेतृत्वकारी कदम उठाते हुए इस गठजोड़ के तहत प​रियोजना निर्माण केन्द्र पीपीएफ का गठन किया है

सौर ऊर्जा परियोजनाओं को परामर्श सेवाएं, वित्तीय मदद देगा भारत
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नई दिल्ली। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के अंतर्गत विकासशील देशों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण एवं रियायती वित्तपोषण की दिशा में नेतृत्वकारी कदम उठाते हुए इस गठजोड़ के तहत प​रियोजना निर्माण केन्द्र पीपीएफ का गठन किया है और 15 देशों की 27 परियोजनाओं को करीब डेढ़ अरब डॉलर की मदद देने का ऐलान किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां आईएसए के औपचारिक उद्घाटन के मौके पर पीपीएफ के गठन और बंगलादेश, बेनिन, बुरकीनाफासो, चाड, कांगो, घाना, गिनी, माली, नाइजर, नाइजीरिया, रवांडा, सेशेल्स, श्रीलंका, तंजानिया और टोगो के लिए 27 परियोजनाओं को 1.393 अरब डॉलर की मदद देने की घोषणा की।

श्री मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में सौर ऊर्जा के विकास की भावी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बेहतर और सस्ती सौर तकनीक सबके लिए सुगम और सुलभ हो। हमें हमारे एनर्जी मिक्स में सौर ऊर्जा का अनुपात बढ़ाना होगा। हमें नवान्वेषण को प्रोत्साहित करना होगा ताकि विभिन्न आवश्यकताओं के लिए सौर समाधान प्रदान हो सके। हमें सौर परियोजनाओं के लिए रियायती ऋण और कम जोखिम का वित्त मुहैया कराना होगा। विनियमन एवं मानकों का विकास करना होगा जो सौर समाधान अपनाने और उनके विकास को गति दें।”

श्री मैक्रों ने भी कहा कि विकासशील देशों को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने पर बल देते हुए कहा कि उनके पास संसाधन एवं क्षमता नहीं हैं और उनकी राह के ये रोड़े हमें हटाना है। आईएसए को सौर ऊर्जा के डाटा बैंक बनाने, पारदर्शी वित्त पोषण का प्लेटफॉर्म बनाने तथा उसके गारंटी के औज़ार के रूप में स्थापित करने के लिए विश्व बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं से रियायती ऋण सुलभ कराने के लिए काम करना होगा।

उल्लेखनीय है कि भारत आठ देशों - मॉरिशस, मोज़ाम्बीक, नाइजर, नाइजीरिया, सूडान, सूरीनाम, सेनेगल और सिएरा लिओन में 14.3 करोड डॉलर की 13 परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है और इनमें से छह परियोजनाओं पर काम भी पूरा हो चुका है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पीपीएफ केन्द्र भारत की वित्तीय सहायता से विकासशील देशों के लिए सौर उर्जा परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बहुत उपयोगी होगा। इसमें तैयार की जाने वाली परियोजनाओं को रियायती ऋण उपलब्ध कराये जाने पर विचार किया जा सकता है।

पड़ोसी देशों को मिलने वाली मदद के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों के अनुसार से बंगलादेश को 18 करोड डॉलर की दो परियोजनाएं तथा श्रीलंका को दो लाख मकानों में छतों पर सौर पैनल लगाने एवं अस्पतालों, स्कूलों आदि सार्वजनिक इमारतों में सौर उर्जा पैनल लगाने दस करोड डॉलर की दो परियोजनाएं शा​मिल हैं!

सूत्रों के अनुसार पीपीएफ के माध्यम से सौर उर्जा के क्षेत्र में क्षमता के अंतर की पहचान और परियोजना की आवश्यकता तय करने, प​रियोजना का खाका तय करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में मदद की जाएगी! परामर्श सेवाओं को मांग पर अनुदान के आधार पर प्रदान किया जाएगा!

सूत्रों के अनुसार पीपीएफ को इस आशय का अनुरोध संबंधित देश में भारतीय मिशन के माध्यम से विदेश मंत्रालय को भेजा जा सकता है! भारतीय एग्ज़िम बैंक के पैनल में सूचीबद्ध परामर्शदाता कंपनियों में से किसी एक कंपनी को परियोजना के प्री फीज़िबिलिटी अध्ययन का दायित्व ​दिया जाएगा और वह कंपनी व्यवहार्यता अध्ययन करके शीघ्रता से रिपोर्ट करेगी।


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