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संत-महापुरूषों के अनुभवों का लाभ ले समाज : भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने कहा है कि हमारे समाज को संत महापुरुषों के अनुभवों का लाभ उठाना चाहिए

संत-महापुरूषों के अनुभवों का लाभ ले समाज : भागवत
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जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने कहा है कि हमारे समाज को संत महापुरुषों के अनुभवों का लाभ उठाना चाहिए।

डा़ भागवत बुधवार को अलवर जिले के गहनकर गांव पहुंचे जहां उन्होंने अपने जन्मदिन के अवसर पर 123 वर्षीय बाबा कमलनाथ महाराज से भेंटकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने कमलनाथ महाराज को शॉल ओढ़ाकर श्रीफल भेंट करके आध्यात्मिक एवं सामाजिक विषयों पर मंत्रणा की। उन्होंने आश्रम में अपने संक्षिप्त उदबोधन में कहा कि हमारे समाज में बाबा कमलनाथ महाराज जैसे संत-महापुरूष मौजूद हैं। इनकी त्याग-तपस्या के चलते समाज में कई परिवर्तन हुए हैं। ऐसे में समाज के सभी लोगों को ऐसे महापुरूषों के अनुभवों का लाभ लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बाबा कमलनाथ महाराज जैसी महान विभूतियां के बताए मार्ग पर चलते हुए समाज को संगठन की दिशा में बढ़ना चाहिए।

इस अवसर पर बाबा कमलनाथ महाराज ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक समाज में कई सेवा कार्य करते हैं। स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे सेवा कार्य समाज के लोगों के लिए आदर्श एवं प्रेरणादायी बन रहे हैं, समाज को भी इसका लाभ मिल रहा है। बाबा कमलनाथ ने कहा कि जिस दिन हिन्दू जागृत होकर संगठित हो जाएगा। हमारा देश स्वर्ग बन जाएगा। उन्होंने गो हत्या प्रतिबंधित करने और नशाबंदी की बात भी कही। इस दौरान अलवर सांसद बाबा बालकनाथ ने सरसंघचालक डाॅ. भागवत व बाबा कमलनाथ को स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय गो सेवा प्रमुख शंकरलाल, क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास, सहक्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, प्रांत प्रचारक डाॅ. शैलेन्द्र, विभाग प्रचारक मुकेश कुमार समेत प्रबुद्धजन व ग्रामीण मौजूद थे। सरसंघचालक ने जयपुर लौटते वक्त बहरोड में गोमाता को गुड खिलाकर आशीर्वाद लिया।

मूलरूप से बिहार के गोविंदपुर में 1896 को जन्मे बाबा कमलनाथ करीब 80 साल पहले तिजारा के जंगलों में आकर रहने लगे और 1965 में गहनकर गांव आए। वर्ष 1980 के दशक में उन्होंने आश्रम की स्थापना की और पिछले करीब 30 वर्षों से आश्रम में रहकर लोगों को असाध्य रोगों की दवा दे रहे हैं। आश्रम में प्रमुख रूप से कैंसर की दवा के अलावा मिर्गी, हार्ट अटैक, बीपी, टीबी के उपचार की जड़ी बूटियों से निर्मित दवाओं का वितरण होता है।


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