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शिवपुरी में ढोल-नगाड़े के साथ बैलगाड़ी पर आरटीआई के दस्तावेज लेकर निकला सामाजिक कार्यकर्ता

मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में एक अजब नजारा देखने को मिला, जब एक सामाजिक कार्यकर्ता को लंबी जद्दोजहद के बाद सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए दस्तावेज मिल गए तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा

शिवपुरी में ढोल-नगाड़े के साथ बैलगाड़ी पर आरटीआई के दस्तावेज लेकर निकला सामाजिक कार्यकर्ता
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शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में एक अजब नजारा देखने को मिला, जब एक सामाजिक कार्यकर्ता को लंबी जद्दोजहद के बाद सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए दस्तावेज मिल गए तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, दस्तावेज में मिले कागज नौ हजार थे तो उसके लिए बैलगाड़ी का सहारा लिया। वह नगर परिषद के कार्यालय से बैलगाड़ी में दस्तावेज रखकर और ढोल नगाड़े के साथ घर तक आया।

शिवपुरी जिले बैराड़ नगर परिषद में चल रही गड़बड़ी को लेकर माखन धाकड़ कुछ जानकारी हासिल करना चाहते थे। उनका आरोप है कि नगर परिषद में चल रही सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं में गड़बड़ी हो रही है, लाभार्थियों को सिर्फ कागजों पर लाभ मिल रहा है। धरातल पर कुछ भी नहीं है। इसके लिए उन्होंने आरटीआई लगाई थी, मगर योजनाओं के दस्तावेज हासिल करने के लिए उसे ग्वालियर और भोपाल तक के चक्कर लगाना पड़े।

बताया गया है कि पहले तो उसे कार्यालय से सहयोग नहीं मिला, जब जानकारी मिली तो वह नौ हजार पन्नों की थी। उससे 25 हजार रुपए जमा करवाये गए। इतने पैसों की व्यवस्था न होने पर कर्ज लिया।

आवेदक माखन धाकड़ को इतने संघर्ष के बाद खाली जेब होने का दर्द तो था लेकिन जानकारी मिलने की खुशी भी थी। इस खुशी को अनोखे अंदाज से मनाने के लिए उन्होंने अपने एक परिचित की बैलगाड़ी मांगी और पांच सौ रुपये में दो ढोल नगाड़े वालों के साथ नगर परिषद कार्यालय जा पहुंचे। माखन आरटीआई से मिली जानकारी के दस्तावेजों को गिनने के लिए चार लोगों को साथ ले गए, जिन्हें गिनने में दो घण्टे लग गए। कार्यालय से मिले दस्तावेज सिर पर रखकर बैलगाड़ी तक लेकर गया और फिर बैलगाड़ी पर सवार होकर ढोल नगाड़ों के साथ घर के लिए रवाना हुआ।


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