सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है सोशल मीडिया : राजीव तुली
टेक्नोलॉजी के युग में सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है। सोशल मीडिया एक ऐसा मंच है, जहां पर आम इंसान भी अपनी बात रख सकता है

नोएडा। टेक्नोलॉजी के युग में सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है। सोशल मीडिया एक ऐसा मंच है, जहां पर आम इंसान भी अपनी बात रख सकता है।
समाज में परिवर्तन का यह अच्छा माध्यम है। ये विचार रविवार को सेक्टर-62 स्थित प्रेरणा जनसंचार एवं शोध संस्थान में आयोजित 'सोशल मीडिया विषयक दो दिवसीय कार्यशाला के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार विभाग की अखिल भारतीय टोली के सदस्य राजीव तुली ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जागरूक नागरिक ही राष्ट्र को सशक्त बना सकता है। उन्हें सामाजिक सरोकारों से जुड़ा रहना चाहिए। हमें अपना उपयोग समाज के लिए करना है। इस कार्य को करने के लिए सोशल मीडिया सही माध्यम है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलाजी सस्ती होने के कारण सोशल मीडिया की आम आदमी तक पहुंच हो गई हैं। हमें इसका सकारात्मक प्रयोग करना है।
एक गलत पोस्ट समाज का काफी नुकासान पहुंचा सकती है। सोशल मीडिया का सदुपयोग हो तभी इसकी सार्थकता है। आज इसकी ताकत बढ़ गई है। लेकिन, हमें गलत कार्य नहीं करते हैं।
छोटे-छोटे सकारात्मक प्रयासों से ही समाज और देश आगे बढ़ेगा। हमें सम्मिलित भाव से सकारात्मक प्रयास राष्ट्रहित के लिए करने चाहिए। सोशल मीडिया इसके लिए बढ़िया माध्यम है। इससे पूर्व द्बितीय दिन के प्रथम सत्र के विषय यू.ट्यूब के बारे में तकनीकी जानकारी प्रमोद कामत ने दी। कामत ने बताया कि हम सब यू.ट्यूब से परिचित हैं।
यह एक वीडियो शेयर करने की वेबसाइट है। यू.ट्यूब के माध्यम से हम गाने, फिल्में और अपनी आवाज को पूरी दुनिया में पहुंचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में तीन लोगों ने इसे मिलकर बनाया था। इस पर सबसे पहला वीडियो 23 अप्रैल 2005 में अपलोड किया गया थाए जिसका नाम था श्ए डे एट द जू।
एक मेल आई से पांच यू.ट्यूब चैनल बनाए जा सकते है। इस पर सबसे ज्यादा बार गैंगनेम स्टाइल नामक वीडियो देखा गया। इसके बाद उन्होंने प्रतिभागियों को यू.ट्यूब चैनल बनाना भी सिखाया।


