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'तथाकथित उइगुर विशेष अदालत केवल चीन के खिलाफ पश्चिमी ताकतों का तमाशा है'

चीन के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी ताकतों द्वारा नियंत्रित तथाकथित 'उइगुर विशेष अदालत' 9 दिसंबर को तथाकथित 'शिनच्यांग में चीन द्वारा उइगुर जाति के नरसंहार' पर फैसला सुनाएगा

तथाकथित उइगुर विशेष अदालत केवल चीन के खिलाफ पश्चिमी ताकतों का तमाशा है
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बीजिंग। चीन के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी ताकतों द्वारा नियंत्रित तथाकथित 'उइगुर विशेष अदालत' 9 दिसंबर को तथाकथित 'शिनच्यांग में चीन द्वारा उइगुर जाति के नरसंहार' पर फैसला सुनाएगा। शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश की स्थानीय जन सरकार के प्रवक्ता शू क्वेईश्यांग ने 6 दिसंबर को आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि तथाकथित 'उइगुर विशेष अदालत' एक न्यायिक संस्थान नहीं है। वह केवल चीन के खिलाफ अमेरिका व पश्चिमी ताकतों द्वारा बनाया गया एक छद्म अदालत है। साथ ही तथाकथित 'फैसला सुनवाई' भी न्यायिक गतिविधि बिल्कुल नहीं है। वह सिर्फ अमेरिका व पश्चिमी ताकतों द्वारा बनाया गया एक तमाशा है।

शू क्वेईश्यांग ने परिचय देते हुए कहा कि यह छद्म अदालत अपराध की धारणा का रुख अपनाकर तथाकथित 'दंड' का फैसला करेगी। जो अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का उल्लंघन है और शिनच्यांग में रहने वाले 2.5 करोड़ विभिन्न जातीय जनता के लिये एक गंभीर उकसावे की बात भी है। इस अदालत की स्थापना केवल शिनच्यांग को बदनाम करने, शिनच्यांग के मामलों में हस्तक्षेप करने, चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिये की गयी। जो चीन के खिलाफ अमेरिका व पश्चिमी ताकतों का शतरंज व उपकरण ही है। ऐसे तथाकथित अदालत को केवल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तिरस्कार और निंदा मिलती है।


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