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स्मृति ईरानी का कांग्रेस पर पलटवार, कहा-जिन्होंने देश की संपत्ति बेची, वे हम पर आरोप लगा रहे

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पी.चिदंबरम के आरोपों पर मंगलवार को पलटवार किया

स्मृति ईरानी का कांग्रेस पर पलटवार, कहा-जिन्होंने देश की संपत्ति बेची, वे हम पर आरोप लगा रहे
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पी.चिदंबरम के आरोपों पर मंगलवार को पलटवार किया। स्मृति ईरानी ने कहा कि जिन्होंने देश की संपत्ति बेची, वे आज हम पर आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, राहुल गांधी और चिदंबरम ने मोदी सरकार पर मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम के जरिए राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने की कोशिश का आरोप लगाया था।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि महाराष्ट्र में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे में 8,000 करोड़ का मॉनेटाइजेशन गया था, क्या राहुल गांधी का ये आरोप है कि उनकी सरकार ने महाराष्ट्र में एक्सप्रेस-वे बेच दिया? साल 2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के संदर्भ में एक आरएफपी तब घोषित हुआ जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। क्या राहुल गांधी का ये आरोप है कि जिस सरकार की मुखिया उनकी माता जी थीं, वो सरकार देश बेचने का दुस्साहस कर रही थी?

स्मृति ईरानी ने कहा कि वर्ष 2006 में एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन की शुरुआत उस सरकार ने की, जिसकी मुखिया सोनिया गांधी थीं तो क्या राहुल गांधी का ये आरोप है कि उनकी सरकार ने रोड, रेल और साथ ही एयरपोर्ट बेच डाला?

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज जिस तरह की पॉलिटिकल हिपोक्रेसी को राहुल गांधी ने दिखाया, वो इस बात को साबित करता है कि पारदर्शी रूप से राष्ट्र की तिजोरी को भरने का काम किया और कांग्रेस के 'लुटेरों' से सुरक्षित किया, उस सरकार पर छींटाकशी करने की उन्होंने कोशिश की। पारदर्शिता के साथ जिस सरकार ने राष्ट्र की तिजोरी को भरने का काम किया और कांग्रेस के लुटेरों से सुरक्षित किया, उस सरकार पर छींटाकशी करने का राहुल गांधी का प्रयास है।

केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा, "मैं ये भी कहना चाहूंगी कि कल जो वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से राष्ट्रीय विमुद्रीकरण पाइप लाइन की जो घोषणा की गई है, उसमें स्पष्ट कहा गया है कि सरकार अपना स्वामित्व बरकरार रखेगी। मॉनेटाइजेशन की प्रक्रिया में सरकार के स्वामित्व को यथावत रखने के साथ-साथ ये भी चिन्हित किया गया है कि सभी राज्य इस प्रक्रिया के लिए अपने नोडल ऑफिसर घोषित करेंगे। क्या राहुल गांधी का ये मानना है कि वो राज्य सरकारें भी जो इस प्रकार का मॉनेटाइजेशन कांग्रेस के नेतृत्व में कर रही हैं, वो सब भी अपने राज्यों को बेचने का काम कर रही हैं?

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग ऐसा समझ रहे हैं कि सरकार इन संपत्तियों को बेच देगी, मगर ऐसा नहीं है। सरकार का इस संपत्ति पर मालिकाना हक बरकरार रहेगा। सरकार केवल अंडर-यूटिलाइज्ड एसेट्स को ही लीज पर देगी। इसका हक सरकार के पास ही रहेगा और प्राइवेट सेक्टर के पार्टनर्स को तय समय के बाद अनिवार्य रूप से वापस करना होगा।

उन्होंने कहा कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन में ब्राउनफील्ड एसेट्स की बात कही गई है, जिन्हें बेहतर ढंग से मोनिटाइज करने की जरूरत है। मोनेटाइजेशन से मिलने वाले संसाधनों को इन्फ्रास्ट्रक्च र बिल्डिंग में निवेश किया जाएगा।


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