Top
Begin typing your search above and press return to search.

स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट बने अफसर

 स्मार्ट सिटी के लिए अब अफसर स्मार्ट होते जा रहे है। सूची में नाम आए या न आए इससे अफसरों को कोई लेना देना नहीं है

स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट बने अफसर
X

गाजियाबाद। स्मार्ट सिटी के लिए अब अफसर स्मार्ट होते जा रहे है। सूची में नाम आए या न आए इससे अफसरों को कोई लेना देना नहीं है। जमीन पर काम कम तो कागजों में अफसर इस कदर दौड़ लगा रहे हैं कि आने वाले सालों की प्लानिंग का ब्यौरा भी अजीब दे रहे हैं। जीडीए ने तो प्रशासन को एक अनोखा प्रस्ताव भेजकर स्मार्ट सिटी सिटी की लाइन ही अलग कर दी है।

इस प्रस्ताव पर गौर करें तो अगले कुछ सालों में 1500 हेक्टेयर जमीन पर मास्टर प्लान अर्बनाइजेबल एरिया दिखाया गया है। प्रत्येक जोन में जोन वार फेसिलिटीज को समकेतिक रूप से प्रस्तावित किया गया है,जिसका अवलोकन मास्टर प्लान मानचित्र में किया गया है। इसके अतिरिक्त यह भी उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण की योजनाओं में भी सैक्टर वाइज नियमानुसार फेसिलिटीज का प्रावधान किया गया है। यह प्रावधान भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में दिए गए मानकों के अनुसार किया गया है। हकीकत यह है कि पहली जमीन का प्रतिकर देने के लिए 700 करोड का कर्ज लिया जा रहा है।

जमीन एक्वायर करने के प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़े हैं। शासन से 2005 में मंजूर गाजियाबाद महायोजना-2021 में गाजियाबाद विकास क्षेत्र में 25 हजार भवनों की कमी का आंकलन किया गया है। हकीकत यह है कि 504 अवैध कॉलोनी बस गईं है। इनमें पांच लरख से अधिक लोग रह रहे है। यानि 25000 मकानों की कमी के आंकलन को अवैध कॉलोनियां ही चिडा रही है। इसके साथ ही डिलेपिडेशन रेट के अनुसार 2850 भवनों का हर साल बदला जाना आवश्यक हो जाता है। इस रिपोर्ट की माने तो अब तक बीस हजार से अधिक मकान टूटने थे। प्रस्ताव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जाने वाले 9000 ईडब्ल्यूएस मकानों का भी जिक्र किया गया है, जबकि इन मकानों के लिए एक इंच जमीन जीडीए के पास नहीं है। खास बात यह है कि स्मार्ट सिटी के लिए दस ग्रीन बिल्डिंग के प्रस्ताव पास करने का जिक्र किया गया है।

साथ ही पत्र में यह भी लिखा है कि अभी तक इनमें से एक भी बिल्डिंग का कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है। यह प्रस्ताव जीडीए वीसी की ओर से भेजा गया है। प्रस्ताव में बताया गया है कि जीडीए के नियंत्रण में 138 पार्क और तीन खेल के मैदान भी है। इनकी सूची भी भेजी गई है। पार्कों की हालत क्षेत्रों में जाकर देखी जा सकती है। प्रस्ताव में साईकिल ट्रैक का भी ब्यौरा दिया गया है।



Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it