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बंगाल चुनाव से पहले तृणमूल-भाजपा के बीच छिड़ा नारा युद्ध

पश्चिम बंगाल में शीर्ष नेताओं के बीच चुनावी नारेबाजी की राजनीति चरम पर है। विधानसभा चुनाव से पहले अपने वोट बैंक को साधने के लिए राजनीतिक पार्टियों पूरा जोर लगा रही हैं

बंगाल चुनाव से पहले तृणमूल-भाजपा के बीच छिड़ा नारा युद्ध
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शीर्ष नेताओं के बीच चुनावी नारेबाजी की राजनीति चरम पर है। विधानसभा चुनाव से पहले अपने वोट बैंक को साधने के लिए राजनीतिक पार्टियों पूरा जोर लगा रही हैं और इस दौरान नए-नए नारे निकलकर सामने आ रहे हैं।

राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उसकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच हाल के दिनों में विधानसभा चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही विभिन्न नारे और स्लोगन खूब उपयोग किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है 'हरे कृष्ण हरे राम, विदाई होक भाजपा भाम', जिसके बाद राज्य में राजनीति गर्मा गई है। बनर्जी ने जिस नारे का इस्तेमाल किया, उसका मतलब है कि भाजपा राज्य के चुनावी नक्शे से गायब हो जाएगी।

इस साल जनवरी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती समारोह की पृष्ठभूमि के खिलाफ नारा युद्ध तेज हो गया, जब दर्शकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में 'जय श्री राम' के नारे लगाए, जो कि कथित तौर पर बनर्जी को पसंद नहीं आया।

तृणमूल की नारे की राजनीति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हाल ही में ममता की पार्टी से भाजपा में शामिल हुए नेता सुवेंदु अधिकारी ने नारा दिया, "हरे कृष्ण हरे हरे, पद्म फूल (कमल) घरे घरे", जिसका अर्थ है कि बंगाल के हर घर में कमल खिलेंगे।

इस बीच चंदननगर के पूर्व पुलिस आयुक्त हुमायूं कबीर ने भी सुर्खियां बटोरी है। बंगाल में राजनीतिक प्रदर्शन के दौरान गोली मारो का नारा लगाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने वाले पुलिस अफसर हुमायूं कबीर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पिछले महीने सुवेंदु अधिकारी के एक रोड शो में उकसाने वाले नारे लगाने के लिए तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का आदेश देकर उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थीं।

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार पर जय श्री राम के नारे लगाने की अनुमति नहीं देने पर जमकर निशाना साधा।

शाह ने कहा कि अगर कोई बंगाल में राजनीतिक स्लोगन के तौर पर जय श्री राम का नारा लगाता है तो ममता दीदी नाराज हो जाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बनर्जी लोगों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करती हैं, अगर वे जय श्री राम के जयकारे लगाते हैं।

शाह ने कहा, "क्या यह उनका अपमान है? एक ओर जहां इतने लोग इस पर गर्व करते हैं, वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री को अपमानित महसूस होता है। यह इसलिए है, क्योंकि वह एक विशेष समुदाय से अपनी वोट बैंक की राजनीति को बनाए रखने की अपील करना चाहती हैं।"

उन्होंने कहा, "मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या दूसरे समुदाय के लोग राज्य में उन्हें वोट नहीं देते हैं?"

गृह मंत्री ने कहा, "अगर भारत में जय श्री राम के नारे नहीं लगाए जाएंगे, तो क्या यह पाकिस्तान में लगाए जाएंगे?" उन्होंने कूच बिहार जिले में परिवर्तन यात्रा शुरू करते हुए एक रैली के दौरान यह बात कही।


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