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उत्तराखंड कैबिनेट की पहली ई-मंत्रिमंडल बैठक में छह प्रस्ताव स्वीकृत

उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को पहली बार आयोजित कागज रहित (पेपरलेस) ई-मंत्रिमंडल (कैबिनेट) बैठक में छह प्रस्ताव स्वीकृत किये गए।

उत्तराखंड कैबिनेट की पहली ई-मंत्रिमंडल बैठक में छह प्रस्ताव स्वीकृत
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देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को पहली बार आयोजित कागज रहित (पेपरलेस) ई-मंत्रिमंडल (कैबिनेट) बैठक में छह प्रस्ताव स्वीकृत किये गए।

सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज आयोजित ई-कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने संवाददाताओं को दी। उन्होंने बताया कि डेयरी विकास विभाग की गंगा गाय डेयरी योजना में सहकारी समिति के सदस्यों को अनुदान लाभ दिया जाएगा। जिसमें महिला सदस्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य के महाविद्यालय में रिक्त पदों पर गेस्ट फैकल्टी के रूप में 11 माह के लिये अध्यापक नियुक्त करने का प्राचार्य को अधिकार दिया गया।

कैबिनेट ने विधानसभा सत्र के समापन को स्वीकृति देने के साथ केदारपुरी मास्टर प्लान में सीएआर के अतिरिक्त राज्य सरकार भी पूर्व अधिगृहित भवन के स्थान पर भवन बना कर प्रभावितों को देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा की अनुदान राशि राज्य निवासी के लिये दोगुनी की गई है। अब यह राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई है।

मंत्रिमंडल ने गन्ने के समर्थन मूल्य अगेती फसल के लिये 327 रुपये प्रति कुंतल और पछेती प्रजाति के लिये 317 रुपये प्रति कुन्तल की दर स्वीकृत का अनुमोदन किया है।

श्री कौशिक ने बताया कि राज्य में शुरू की गई ई-कैबिनेट का उद्देश्य समयबद्ध ढंग से कार्रवाई के साथ, पेपरलेस व्यवस्था को प्रोत्साहित एवं संस्थागत मेमोरी को विकसित करना है। उन्होंने कहा कि इसके प्रयोग से जहाँ पर्यावरण मित्र के माध्यम से कागज की बचत होगी वहीं संस्थागत मेमोरी द्वारा पूर्व की कैबिनेट जानकारी को प्राप्त करना भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि ई-कैबिनेट, ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की टिप्पणियां की केवल दो प्रतियां गोपन विभाग के लिए जारी होंगी, जबकि विभागों को डिजिटल स्वीकृतियां मिलेंगी।


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