सीतारमण ने संप्रग को ‘आंदोलनजीवी और भ्रष्टाचारजीवी’ सरकार दिया करार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस पर तीखा हमला करते संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को एक ‘आंदोलनजीवी और भ्रष्टाचारजीवी सरकार’ करार दिया

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस पर तीखा हमला करते संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को एक ‘आंदोलनजीवी और भ्रष्टाचारजीवी सरकार’ करार दिया।
श्रीमती सीतारमण ने श्वेतपत्र प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि श्वेत पत्र एक गंभीर दस्तावेज है जिसमें दस्तावेजी प्रमाण हैं। सरकार का प्रयास रहा है कि संप्रग सरकार के 10 साल के कुप्रबंधन को दुरुस्त करना और अर्थव्यवस्था को ऐसे आगे ले जाना कि यह मजबूती के साथ बढ़े। इस दस्तावेज में कोई भी आधारहीन आरोप नहीं लगाए गए हैं और इसमें कैग की रिपोर्ट और उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र में की गई हर बात प्रमाण के साथ है।
वित्त मंत्री ने संप्रग सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप लगाया और कहा कि उस वक्त नेतृत्व का अभाव था। अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए 10 साल तक प्रयास करने के बाद हम आज पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे।
उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार में सेना गोला-बारूद और अन्य सैन्य साजो-समान की कमी से जूझ रही थी।
यूपीए सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उस वक्त के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सीमावर्ती इलाकों में सड़कों के निर्माण नहीं होने की बात कही थी। उनके अनुसार, श्री एंटनी ने तब कहा था कि ‘‘बड़ी परियोजनाओं के लिए पैसे नहीं हैं और एक अप्रैल (अगले वित्त वर्ष) तक का इंतजार करिए।’’
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के समय में रक्षा परियोजनाओं में घोटाला होता था। अगस्ता वेस्टलैंड मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि कैग ने तोपों की खरीद में विलंब के लिए सरकार की खिंचाई की थी।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में रक्षा बजट दो गुना हो गया है। सीमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण में निवेश बढ़ाया गया है।
उन्होंने रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और कहा,‘‘गर्व की बात है कि आईएनएस विक्रांत, तेजस, अर्जुन, धनुष सबका निर्माण भारत में हो रहा है। आज महिला विमान उड़ा रही हैं और सीमा पर बंदूक लेकर भी खड़ी हैं।’’
वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं पूछना चाहती हूं कि 2008 में चीन से कुछ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए, उसका खुलासा अब तक क्यों नहीं हुआ?’’
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
उन्होंने ‘जयंती टैक्स’ का उल्लेख करते हुए कहा कि संप्रग सरकार में पर्यावरण की मंजूरी के लिए एक साल से ज्यादा विलंब होता था और फिर भी मंजूरी नहीं मिलती थी।
‘आंदोलनजीवी और भ्रष्टाचाजीवी’ की सरकार ने ‘जयंती टैक्स’ को जन्म दिया। यह ‘जयंती टैक्स’ एक तरह से ‘जजिया कर’ था।
वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार प्रगति और प्रकृति में संतुलन बैठाते हुए आगे बढ़ रही है। हमारी सरकार में पर्यावरण मंजूरी का औसत समय 70 दिन है, जबकि पहले 365 दिन होता था।
वित्त मंत्री ने कहा कि श्री मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे और विदेश के दौरे पर थे तो उस समय कांग्रेस नेता ने सरकार के लाए एक अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया था। यह लोग संस्थाओं पर भाषण दे रहे हैं। जब प्रधानमंत्री का अपमान किया गया था, उस वक्त क्यों नहीं पूछा गया?
वित्त मंत्री के जवाब के बाद सरकार के श्वेतपत्र के विरोध में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय द्वारा लाए गए स्थानापन्न प्रस्तावों को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया।


