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एसआईटी ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मंत्री का नाम हटाया, रिश्तेदार का नाम जोड़ा

हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में 5,000 पन्नों के दायर आरोप पत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का नाम हटा दिया है।

एसआईटी ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मंत्री का नाम हटाया, रिश्तेदार का नाम जोड़ा
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लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसान आंदोलन के दौरान किसानों को जीप से कुचलने और उसके बाद हुई हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में 5,000 पन्नों के दायर आरोप पत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का नाम हटा दिया है।
अब इसमें वीरेंद्र शुक्ला का नाम शामिल है, जो मंत्री के रिश्तेदार हैं और इससे पहले श्री मिश्रा का नाम षड़यंत्रकर्ता के तौर पर था।

एसआईटी ने सोमवार को दाखिल आरोप पत्र में न तो श्री मिश्रा का नाम लिया है और न ही उनसे अब तक पूछताछ की है. एसआईटी सूत्रों ने हालांकि यह कहा कि 'कुछ और लोगों' के खिलाफ पर्याप्त सबूत एकत्र करने के बाद अनुपूरक आरोप पत्र दायर किया जाएगा।

एसआईटी के एक सदस्य ने बताया , ''किसानों की तरफ से दी गई शिकायत में जिन लोगों का नाम है उनसे पूछताछ की जाएगी। यही कारण है कि इस मामले में अभी तक जांच पूरी नहीं हो सकी है। "

किसानों की शिकायत में अजय मिश्रा का नाम प्रमुखता से उभर कर सामने आया है।

वीरेंद्र शुक्ला खीरी जिले के पलिया से ब्लॉक प्रमुख हैं और आशीष के काफिले में जो स्कॉर्पियो गाड़ी चल रही थी वह उसके मालिक के रूप में पहचाने गए थे। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 201 (सबूतों को मिटाने) के तहत आरोप लगाया गया है। उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप जमानती है।

वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने कहा, एसआईटी ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा और 16 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। इस मामले में तीन आरोपियों की पहले ही मौत हो गई है और इसी वजह से 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे। इनमें से 13 आरोपी हैं और उनकी न्यायिक हिरासत को मुकद्मा हिरासत अवधि में बदल दिया गया है।

इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 जनवरी है और शुक्ला को उसी दिन अदालत में पेश होने को कहा गया है। वह इस तारीख से पहले जमानत के लिए आवेदन कर भी सकते हैं।

श्री यादव ने कहा हमने न्यायालय से आपराधिक दंड प्रकिया संहिता की धारा 173 (6) के तहत केस डायरी के महत्वपूर्ण हिस्सों को जब्त करने का अनुरोध किया है। इस मामले में अभी भी जांच चल रही है, और जल्द ही एक अनुपूरक आरोप पत्र दायर किए जाने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि आशीष के काफिले में

शामिल वाहनों ने तीन अक्टूबर 2021 को चार किसानों और एक पत्रकार को कथित तौर पर कुचल दिया था।


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