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बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में महिला आईजी अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित

महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसको लेकर आक्रोशित लोगों ने मंगलवार को ट्रेन रोकी

बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में महिला आईजी अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित
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मुंबई। महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसको लेकर आक्रोशित लोगों ने मंगलवार को ट्रेन रोकी। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें आईजी लेवल की महिला अधिकारी को प्रमुख बनाया गया है।

महाराष्ट्र के बदलापुर में नाबालिग बच्चियों के साथ स्कूल में हुए यौन उत्पीड़न मामले पर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बदलापुर की घटना बहुत ही गंभीर है। वहां पर दो बच्चों के साथ सफाई कर्मी ने कुकर्म करने का प्रयास किया है। इस घटना की जितनी निंदा की जाय, कम है।

उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है। आईजी लेवल की महिला अधिकारी को एसआईटी का प्रमुख बनाया गया है। हमारी कोशिश है कि इस मामले पर जल्द जांच होकर चार्जशीट दाखिल हो और फास्टट्रैक मोड पर इस केस में सुनवाई हो। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का हमारा प्रयास होगा।

बदलापुर घटना को लेकर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं मानकुर्द शिवाजीनगर के विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा, सरकार को ध्यान दिलाना चाहता हूं कि बदलापुर में चार साल की दो बच्चियों के साथ अक्षय शिंदे नाम के व्यक्ति ने यौन उत्पीड़न किया है। इसको लेकर जनता में आक्रोश है। पूरे देश में रोजाना ऐसी घटना सामने आ रही है। मेरी सरकार से मांग है कि अगर इसको रोकना है तो सरेआम फांसी की सजा दी जानी चाहिए। ऐसे केसों में जल्द से जल्द सजा दी जानी चाहिए और किसी को जमानत नहीं मिलनी चाहिए।

उन्होंने आगे पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए की राशि देने की मांग की। देश में ऐसा संकेत जाना चाहिए कि इन मामलों में सरकार बहुत सख्त है।

बता दें कि मुंबई के बदलापुर में यह घटना 12 और 13 अगस्त को हुई जब एक प्रतिष्ठित स्कूल में एक सफाई कर्मचारी ने दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया। जब पीड़ित लड़कियों के माता-पिता को इस बारे में पता चला तो वे पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने स्कूल में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन स्कूल ने सख्त कार्रवाई नहीं की। इसको लेकर परिजनों के साथ लोगों में आक्रोश है। लोग स्कूल प्रशासन पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। वहीं शिवसेना (यूबीटी) से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले पर सरकार को घेरा।


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