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टिकट की दौड़ में भाभी ने देवर को पीछे छोड़ा, कांग्रेस ने धनबाद में विधायक की पत्नी को बनाया सांसद कैंडिडेट

कांग्रेस ने झारखंड की धनबाद सीट पर ऐसे चेहरे को मैदान में उतारा है

टिकट की दौड़ में भाभी ने देवर को पीछे छोड़ा, कांग्रेस ने धनबाद में विधायक की पत्नी को बनाया सांसद कैंडिडेट
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धनबाद। कांग्रेस ने झारखंड की धनबाद सीट पर ऐसे चेहरे को मैदान में उतारा है, जिनका अब तक सीधे तौर पर सक्रिय राजनीति से ताल्लुक नहीं रहा। नाम है- अनुपमा सिंह। उनकी सबसे बड़ी पहचान यह है कि उनके पति जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह बोकारो जिले की बेरमो सीट से कांग्रेस के विधायक हैं।

दिलचस्प बात यह है कि इस सीट पर टिकट की दौड़ में कई दिग्गजों के अलावा अनुपमा के देवर और युवा कांग्रेस के नेता कुमार गौरव भी शामिल थे।

झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने कुमार गौरव का नाम उम्मीदवारी के लिए आगे बढ़ाया था। लेकिन, अनुपमा के विधायक पति की लॉबिंग सबसे मजबूत साबित हुई। अनुपमा सिंह की सियासत में निजी पहचान भले न रही हो, लेकिन उनका ताल्लुक कोयलांचल के चर्चित सियासी घराने से है। उनके दिवंगत ससुर राजेंद्र सिंह बेरमो सीट से छह बार विधायक रहे थे। वह दशकों तक कांग्रेस के अनुषंगी श्रमिक संगठन इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री रहे और इस वजह से अखिल भारतीय स्तर पर उनकी पहचान ट्रेड यूनियन लीडर के तौर पर रही।

मई, 2000 में उनके निधन के बाद उनके पुत्र जयमंगल सिंह और कुमार गौरव ने उनकी सियासी विरासत संभाली। हालांकि, राजेंद्र सिंह ने जीवित रहते दोनों पुत्रों की राजनीति में एंट्री करा दी थी। उनके निधन के बाद बेरमो सीट पर हुए उपचुनाव में उनके बड़े पुत्र जयमंगल सिंह विधायक चुने गए। राजेंद्र सिंह के छोटे पुत्र कुमार गौरव झारखंड प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं और फिलहाल राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष हैं।

राजनीतिक रसूख और पैसे को लेकर इस परिवार की चर्चा पूरे झारखंड में होती रही है। यह पहली बार है, जब परिवार की बहू की राजनीति में सीधे सांसद कैंडिडेट के तौर पर एंट्री हुई है। फिलहाल उनका सोशल मीडिया पर कोई ऑफिशियल अकाउंट तक नहीं है। अनुपमा सिंह के पिता डॉक्टर हैं और बिहार के एक जिले में सिविल सर्जन के तौर पर पोस्टेड हैं। बताया गया है कि उन्होंने पटना वीमेंस कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है।

अनुपमा सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी बनाने के फैसले ने हर किसी को चौंका दिया है। इसके पहले वर्ष 2019 में भी कांग्रेस ने धनबाद सीट पर पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद को अचानक मैदान में उतार दिया था। हालांकि, उन्हें जबरदस्त शिकस्त खानी पड़ी थी। बहरहाल, अनुपमा की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद उनके पति विधायक जयमंगल सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है।

बुधवार को जयमंगल सिंह और अनुपमा ने धनबाद में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। जयमंगल ने अपनी पत्नी की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का आभार जताते हुए सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए हैं। इस सीट पर अनुपमा का मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी ढुल्लू महतो से होगा।


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