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विज्ञापन मामले में “आप” से वसूली पर बिफरे सिसोदिया

दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निर्देशों का जिक्र करते हुए न सिर्फ समिति के अधिकारों की सीमा बांधी, तो वहीं समिति के दो सदस्य व पत्रकारों को भाजपा से जुड़ा हुआ बताया

विज्ञापन मामले में “आप” से वसूली पर बिफरे सिसोदिया
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'समिति नहीं दे सकती वसूली के निर्देश’

नई दिल्ली, 31 मार्च (देशबन्धु)। दिल्ली के कार्यों के विज्ञापन बाहरी राज्यों में करके फंसी दिल्ली सरकार ने अब समिति के अधिकारों पर सवाल उठा दिया है।

दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निर्देशों का जिक्र करते हुए न सिर्फ समिति के अधिकारों की सीमा बांधी, तो वहीं समिति के दो सदस्य व पत्रकारों को भाजपा से जुड़ा हुआ बताया। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रूपए वसूलने का निर्देश उपराज्यपाल ने दिया है, लेकिन जब पार्टी ने कोई विज्ञापन जारी ही नहीं किया, तो वो पैसा क्यों दे? विरोधी दल उपराज्यपाल के इस निर्देश को ऐसे प्रचारित कर रहे हैं, जैसे सरकार में कोई घोटाला हो गया हो।

उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने विज्ञापनों के लिए सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन किया है, इसलिए उस समिति को ऐसा निर्देश देने का अधिकार नहीं है।

भाजपा से जुड़े रहे पत्रकार रजत शर्मा व पीयूष पांडेय की समिति ने 97 करोड़ रूपए वसूलने के निर्देश दिए हैं, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने तो समिति को ऐसा कोई निर्देश देने को नहीं कहा।

श्री सिसोदिया ने सफाई देते हुए कहा कि अपने काम का दिखावा तो सभी सरकारें करती हैं, तो वहीं कश्मीर से कन्याकुमारी तक राज्यों के विज्ञापन दिल्ली में छपते हैं, लेकिन जब वहीं काम दिल्ली सरकार कर रही है, तो भाजपा-कांग्रेस को दिक्कतें आ रही हैं।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि रजत शर्मा व पीयूष पांडेय की समिति के पास पार्टी से पैसे की वसूली के निर्देश देने का अधिकार नहीं है। आम आदमी पार्टी ने कोई विज्ञापन जारी नहीं किया है, तो पार्टी से पैसे कैसे वसूले जा सकते हैं।

श्री सिसोदिया ने कहा कि हम जनता के लिए काम कर रहे हैं, तो परेशान किया जा रहा है, फंसाया जा रहा है। हमें जनता ने चुनकर भेजा है, तो जवाब देंगे। आज के ही कुछ समाचार पत्रों में कांग्रेस की कर्नाटक सरकार का विज्ञापन यहां दिल्ली में छप रहा है। भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार भी यहां उत्तर भारत के राज्यों में अपने विज्ञापन देती रही है, लेकिन अगर दिल्ली की सरकार ऐसा करती है तो वो गुनाह हो जाता है।

उन्होंने बताया कि निगम चुनाव से पहले हाउस टैक्स माफ करने का केजरीवाल का वादा भाजपा-कांग्रेस के लोगों की नींद उड़ गई है, क्योंकि इनको अच्छे से पता है कि अरविंद केजरीवाल ने अगर हाउस टैक्स माफ करने का वादा किया है तो वो बिजली-पानी की तरह अपना ये वादा भी पूरा करेंगे।


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