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सिम्स की बदहाली,बेड नहीं मिला, फर्श पर तड़पता रहा मरीज

बिलासपुर ! सिम्स में बेड नहीं मिलने से एक मरीज कल रात से फीमेल वार्ड के फर्श पर तड़पता रहा। जबकि पीडि़त की पत्नी भी पथरी के आपरेशन के लिए भर्ती है।

सिम्स की बदहाली,बेड नहीं मिला, फर्श पर तड़पता रहा मरीज
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सिम्स की बदहाली, पीडि़त की पत्नी भी है भर्ती, पुत्र होता रहा परेशान
बिलासपुर ! सिम्स में बेड नहीं मिलने से एक मरीज कल रात से फीमेल वार्ड के फर्श पर तड़पता रहा। जबकि पीडि़त की पत्नी भी पथरी के आपरेशन के लिए भर्ती है। मरीज का परेशान पुत्र अपने पिता को लेकर आज दोपहर तक जांच, टेस्ट के लिए एक वार्ड से दूसरे वार्ड भटकता रहा वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जब तक डाक्टर भर्ती करने के लिए नहीं कहते तब तक वार्ड में बेड नहीं दिया जा सकता।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिम्स में ग्राम झोरा कोरबा से आये 53 वर्षीय भोलाराम पिता झाडूराम चौहान को सीने में दर्द की शिकायत व बुखार-खंासी है। जिसकी उसकी कल रात से तबीयत बिगड़ी हुई है। डाक्टर जांच कर चुके हैं। वहीं रिपोर्ट नहीं आने से उसे वार्ड में बेड नहीं दिया जा रहा है। जिससे मरीज बेड नहीं मिलने से बरामदे में कल रात से तड़पता रहा। मरीज का पुत्र कल से पिता को भर्ती कराने गुहार लगाता रहा।
राजू चौहान ने बताया कि माता-पिता दोनों की तबीयत खराब होने से कल सिम्स लेकर गांव से आये हैं। मां का पथरी का आपरेशन होना है। फीमेल वार्ड में मां को भर्ती कर लिया गया है। वहीं कल रात से पिता की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। उनके सीने में दर्द है। बुखार-खांसी भी है। वह चल फिर नहीं पा रहे हैं। खड़े होने तक की स्थिति में नहीं है। कल रात से बेड के लिए वह भटक रहा है। आज सुबह डा. भुवन शर्मा के कक्ष में जांच भी कराई मगर उन्होंने जांच रिपोर्ट आने के बाद भर्ती करने की बात कही है। सिम्स में कोई भी सही जानकारी देने वाला नहीं है। आज भी ओपीडी का टाईम खत्म हो गया और बेड नहीं मिल पाया।
राजू ने बताया कि एक तरफ मां भी फीमेल वार्ड में भर्ती है जहां उसके पथरी का ऑपरेशन होना है। वहीं पिता की तबीयत भी खराब है। ऊपर से वार्ड में बेड नहीं मिल पाने से पूरी रात ठंडे में बरामदे में ही गुजारनी पड़ी। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जब तक डॉक्टर भर्ती करने के लिए नहीं बोलते हैं तब तक धर्मशाला में वे ठहर जाएं। एक तरफ मां भर्ती है जिसके कारण पुत्र परेशान है। पिता को बेड नहीं मिलने पर यहां से वहां भटक रहा हूं।
भटकते रहते हैं मरीज
सिम्स में हर दिन सैकड़ों मरीज उपचार के लिए आते हैं, ज्यादातर यहां ग्रामीण क्षेत्रों से लोग आते हैं। मगर सिम्स में अब भी सही जानकारी मरीजों व उनके परिजनों को नहीं मिल पा रही है, जिससे लोगों को एक मंजिल से दूसरे मंजिल एक वार्ड से दूसरे वार्ड में भटकना पड़ रहा है। सिम्स संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है जहां 450 बेड हैं लेकिन इसके बाद भी मरीजों को बेड नहीं मिल रही है। इसी का फायदा निजी अस्पतालों वाले उठा रहे हैं। सिम्स में हर दिन कई मरीज व परिजन ईलाज व अन्य समस्याओं के लिए भटकते रहते हैं। जहां निजी अस्पतालों के कर्मचारी व एजेंट इन मरीजों व परिजनों को अस्पताल की खामियों का हवाला देकर उन्हें निजी अस्पतालों में ले जाते हैं।
रिपोर्ट आने के बाद मिलेगा बेड
डॉक्टर ने मरीज का चेकअप किया है उसकी जांच रिपोर्ट के आने का इंतजार है जब तक डाक्टर मरीज को भर्ती करने के लिए नहीं कहते तब तक उसे वार्ड में बेड नहीं दिया जा सकता। डाक्टर के कहने पर ही भर्ती की जाती है। बेड दे देने से बाकि आने वाले मरीजों को बेड की समस्या हो जाएगी।
डा.आरती पाण्डेय
डिप्टी एमएस, सिम्स
नहीं लग सका वाल्व, अस्पताल परिसर में बह रहा गंदा पानी

जिला चिकित्सालय की बिल्डिंग में पानी टंकी के पाइप लाइन में वाल्व को अभी तक फिट नहीं किया जा सका है जिससे अस्पताल की बिल्डिंग से टंकी व सैप्टिक टैंक का पानी परसिर पर बह रहा है। वहीं एक ओर प्रसूति वार्ड व फीमेल सर्जिकल वार्ड के नलों में पानी में पानी नहीं आने से मरीजों व परिजनों को दूसरे वार्डों में जाना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल के वार्डों में पानी के लिये हाहाकार मचा हुआ है। अस्पताल में मरम्मत का कार्य चल रहा है। लेकिन पानी की समस्या से मरीज व उनके परिजन जूझ रहे हैं। अस्पताल के कई वार्डों में पाइप में लगने वाले वाल्व को अब तक नहीं जगह पर फिट नहीं कर पाये हैं। जिससे पानी बेवजह बह रहा है। जिस पर अस्पताल प्रबंधन अब तक सुधार नहीं करा पाया है। जिला अस्पताल के द्वितीय मंजिल पर स्थित महिला प्रसूति वार्ड का हाल बेहाल है। जहां पानी बाथरुम में नहीं आ रहा है जिससे भर्ती मरीजों व उनके परिजनों को पानी लेने के लिए व नहाने धोने के लिये दूसरे वार्ड जाना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में ऊपरी मंजिल पर चार नये प्रसाधन बनाये गये हैं। वहीं दीवारों व पाइप लाइन की सीपेज को भी सुधारा जा रहा है। लेकिन पानी लिकेज की समस्या जस की तस बनी हुई है। जिससे टंकी व सैप्टिक का पानी नीचे वाहन स्टैण्ड परिसर में बह रहा है। इससे अस्पताल के स्टाफ कर्मचारी व मरीजों को भारी परेशानियां हो रही है।
दो माह से चल रहा है मरम्मत का कार्य
ज्ञात हो कि जिला अस्पताल में पिछले दो माह से मरम्मत का कार्य चल रहा है। लेकिन अभी भी कई समस्याएं वैसी बनी हुई। अस्पताल के वार्डों में नलों की टोटी व टंकी के पाइप लिकेज, वाल्व आदि की समस्या बरकरार है वहीं अस्पताल में कई बार पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने दीवारों में सीपेज का भी निरीक्षण कर काम शुरू किया। लेकिन वाल्व व सीपेज का सुधार कार्य पूरी तरह से नहीं हो पाया है।
वाटरकूलर के पानी का उपयोग
जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड व फीमेल सर्जिकल वार्ड के बाथरुम के नलों में पानी नहीं आने से सभी मरीज व उनके परिजन प्रथम तल के आईसोलेशन वार्ड में लगे वाटर कूलर से पानी ले रहे हैं। तथा इस वार्ड के बाथरुम का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे एक ही वार्ड में अधिक लोगों के हो जाने से वार्ड में अव्यवस्था बनी हुई है।


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