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जनजातीय जीवन की सरलता अपनाएं, शहरी चकाचौंध में न आएं : शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कला, संगीत, नृत्य और उत्सव के बिना जीवन अधूरा है।

जनजातीय जीवन की सरलता अपनाएं, शहरी चकाचौंध में न आएं : शिवराज
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भोपाल, 14 फरवरी: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कला, संगीत, नृत्य और उत्सव के बिना जीवन अधूरा है। शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का सुख मनुष्य को सुखी रहने के लिए जरूरी होते है। कला और संस्कृति सुखी जीवन के लिए आवश्यक है।

श्री चौहान कल रात्रि भारत भवन की 41 वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से कलाकारों को सम्मानित किया। इनमें पद्मश्री सुश्री भूरी बाई, पद्मश्री दुर्गा बाई, भज्जू श्याम, संगीतकार वसंत राव शिवलीकर, तबला वादक किरन देशपांडे, राई नृतक पं. राम सहाय पांडे, गायक पंडित उमाकांत गुंदेचा, रंग कर्मी आलोक चटर्जी, लोक जनजातीय कला के अध्येता कपिल तिवारी, युवा रंगकर्मी सरफराज हुसैन और बैगा नृतक अर्जुन सिंह धुर्वे का सम्मान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हाल ही में गरीब परिवार की महिलाओं के लिए लाड़ली बहना योजना बनाई है। बहन सशक्त होगी तो परिवार सशक्त होगा। इसके लिए पहले बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति के लिए योजना बनाई गई थी। श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में एक-एक हजार रूपए बहनों के खाते में डाले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि जीवन में कला, संस्कृति, गीत-संगीत का अद्भुत महत्व है। धन-दौलत से जो सुख नहीं मिलता है, वह कला संस्कृति से मिलता है। उन्होंने कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत भवन ने 41 वर्ष में कला-संस्कृति का नया मुकाम कायम किया है। हमने कला ग्राम की स्थापना की है। अगले वर्ष से संचालन शुरू हो जाएगा। कला- परम्परा को आगे बढ़ाऐंगे।

श्री चौहान ने भारत भवन की 41 वीं वर्षगांठ कार्यक्रम का दीप जला कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग सुखवीर सिंह, संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी, फिल्म कलाकार राजीव वर्मा, बड़ी संख्या में कला प्रेमी और दर्शक उपस्थित थे।


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