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भारत व अफ्रीका के समक्ष समान चुनौतियां : कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत और अफ्रीका के समक्ष विकास से संबंधित समान चुनौतियां मौजूद हैं और दोनों समान अनिवार्यताओं से प्रेरित हैं

भारत व अफ्रीका के समक्ष समान चुनौतियां : कोविंद
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बंजुल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत और अफ्रीका के समक्ष विकास से संबंधित समान चुनौतियां मौजूद हैं और दोनों समान अनिवार्यताओं से प्रेरित हैं।

श्री कोविंद ने बुधवार को यहां गाम्बिया की नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए कहा कि अफ्रीका के भविष्य का आर्थिक अनुमान और भारत का विकास दोनों ही एक दूसरे के पूरक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे व्यापार और निवेश संबंधों में प्रगति हो रही है। वर्ष 2017-18 में हमारा द्विपक्षीय व्यापार 62 अबर डॉलर से अधिक रहा। करीब 54 करोड़ डॉलर से अधिक के संचयी निवेश के साथ भारत, अफ्रीका का पांचवा सबसे बड़ा निवेशक बनकर उभरा है। इस महीने आरंभ किया गया अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौता, अफ्रीका को दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाएगा। भारत इस घटनाक्रम को अफ्रीका के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के अवसर के तौर पर देखता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अफ्रीकी प्राथमिकताओं और टिकाऊ साझेदारियों पर आधारित हमारा विकास संबंधी सहयोग इस महाद्वीप के साथ हमारे संबंधों की एक प्रमुख विशेषता है। दक्षिण एशिया के बाद, अफ्रीका महाद्वीप विदेशों में भारत की ओर से दी जाने वाली सहायता का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है। कोई 41 देशों को 11 अरब डॉलर की राशि तक की 181 ऋण सहायता प्रदान की गई हैं। हमारी परियोजनाओं की बदौलत अफ्रीका महाद्वीप के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में काफी बदलाव आया है।

श्री कोविंद ने कहा कि भारत, गाम्बिया के साथ अपनी गौरवपूर्ण विकास साझेदारी को अहमियत देता है। भारत ने गाम्बिया की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, क्षमता निर्माण से लेकर ढांचागत परियोजनाओं को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने तक - उसकी सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सहायता प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि भारत ने गाम्बिया में ग्रामीण विकास, कृषि, पेयजल, स्वास्थ्य सेवा और वास्तविक बुनियादी ढांचे की स्थापना संबंधी कार्यक्रमों के लिए सात करोड़ 80 लाख डॉलर की रियायती ऋण सहायता प्रदान की है जबकि नौ करोड़ 20 लाख डॉलर की एक अन्य ऋण सहायता का विस्तार किया गया है। हर साल गाम्बिया से युवा शिक्षा, कौशल और डिजिटल क्षेत्र में ज्ञान प्राप्ति के लिए भारत आते हैं। हम संस्थानों के निर्माण और लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने में सहायता करते हुए गाम्बिया को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

श्री कोविंद ने बाद में शाम को सेनेगल और गाम्बिया में भारत के राजदूत राजीव कुमार की ओर से आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विकास और वृद्धि के लिए हमारी जद्दोजहद में प्रवासी भारतीय समुदाय हमारा बहुमूल्य भागीदार रहा है। हम उनके साथ गहरे और मजबूत संबंध बनाए रखने के उत्सुक हैं। प्रवासी भारतीयों की सहायता के लिए हम सार्वजनिक सेवाओं को सुचारू, परेशानी मुक्त और कुशल बनाने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमने पासपोर्ट, कांसुलर दस्तावेज और ओसीआई कार्ड प्राप्त करना आसान बनाने के लिए कई उपाय किए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय समुदाय सदैव स्थानीय सरकार की मदद के लिए तत्पर रहा है। इस क्षेत्र में इबोला संकट के दौरान, भारतीय समुदाय ने गाम्बिया की सरकार के आपातकालीन सहायता के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। जब भी गाम्बिया के नेशनल हॉस्पिटल में दवाओं या सामग्रियों की कमी हुई है, समुदाय ने एकजुट होकर उसे सहायता प्रदान की है।

बेनिन, गाम्बिया और गिनी की अपनी तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा के अंतिम चरण में गुरुवार को राष्ट्रपति गिनी गणराज्य के लिए रवाना हो गये। गिनी रवाना होने से पहले राष्ट्रपति ने बंजुल में महात्मा गांधी और खादी पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।


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