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सिलिकोसिस फैलाने वाले कारखाने बंद होंगे

मध्य प्रदेश के तमाम आदिवासियों में सिलिकोसिस फैलाने की जिम्मेदार गुजरात की तमाम फैक्ट्रियों को बंद करने के आदेश सर्वोच्च अदालत ने दिए हैं

सिलिकोसिस फैलाने वाले कारखाने बंद होंगे
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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के तमाम आदिवासियों में सिलिकोसिस फैलाने की जिम्मेदार गुजरात की तमाम फैक्ट्रियों को बंद करने के आदेश सर्वोच्च अदालत ने दिए हैं।

सिलीकोसिस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका क्रमांक 110/2006 की सुनवाई पिछले दिनों न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति एस नजीर की खण्डपीठ द्वारा की गयी। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा याचिकाकर्ता सिलीकोसिस पीड़ित संघ की ओर से पैरवी की गयी।

उन्होंने गुजरात में स्थित उन फैक्ट्रियों को बंद करने की मांग की, जहाँ पर लोग मजदूरी करने गए थे और पर्यावरणीय कानूनों के उल्लंघन एवं सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने के कारण हजारों लोग लाईलाज बीमारी सिलीकोसिस की गिरफ्त में आए थे।

न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति एस. नजीर ने माना की इन इकाइयों से सिलिकोसिस के साथ ही अन्य गंभीर प्रभाव हो रहे है और उन्होंने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तत्काल इन कारखानों / संस्थानों की जाँच कर पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन करने वाली एवं मजदूरों को मरने वाली इकाइयों को बंद कर छह माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश के तीन जिलों अलीराजपुर, धार तथा झाबुआ के 589 आदिवासी मजदूर पिछले 15 सालों में गोधरा, बालासिन्नोर की इन फेक्ट्रीयों में काम करके मौत के मुँह में समा चुके हैं और 1132 मजदूर अभी भी इस लाईलाज बीमारी से संघर्ष कर रहे हैं।

सिलीकोसिस पीड़ित संघ की याचिका पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अनुशंसा पर सिलीकोसिस के प्रत्येक मृतकों के वारिसों को तीन लाख का मुआवजे का आदेश हुआ है। सिलीकोसिस पीड़ित संघ के दिनेश रायसिंह और मोहन सुलिया ने वर्तमान में सिलीकोसिस पीड़ितों के लिए पेंशन एवं समुचित पुनर्वास की मांग की है ।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित सुप्रीम कोर्ट कमिटी ऑन सिलीकोसिस के सदस्य अमूल्य निधि ने बताया की न्यायालय से व्यावसायिक स्वास्थ्य के लिए एक व्यापक व्यवसायिक स्वास्थ्य नीति बनाने की अनुशंसा की है,

हालाँकि राज्य सरकार ने नीति का एक ड्राफ्ट तैयार किया है जिसे शीघ्र ही क्रियान्वित करने की आवश्यकता है।

मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, धार तथा झाबुआ के साथ ही पन्ना, विदिशा, छतरपुर, बेतुल, मंदसौर, भिंड, शिवपुरी में सिलीकोसिस के मामले मिले है उनके भी पुनर्वास की व्यवस्था सरकार को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार करना चाहिए।


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