सिख समुदाय ने लंदन अग्निकांड पीड़ितों के लिए अपने दरवाज़े खोले
लंदन के सिख समुदाय ने ग्रेनफेल टॉवर में भीषण आग लगने के बाद बेघर हुए सैकड़ों पीड़ितों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं
लंदन। लंदन के सिख समुदाय ने ग्रेनफेल टॉवर में भीषण आग लगने के बाद बेघर हुए सैकड़ों पीड़ितों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं। ईलिंग में गुरुद्वारा के एक सदस्य हरजिंदर कुकरेजा ने कहा, "लंदन में सिख गुरुद्वारों ने ग्रेनफेल टॉवर के पीड़ितों के लिए कपड़े, खिलौने और अन्य सामानों को इकट्ठा कर वितरित करना शुरू कर दिया है।"
'मेट्रो डेली' ने हरजिंदर के हवाले से बताया, "इन लोगों के पास केवल शरीर पर पहने हुए कपड़े ही हैं। हमें हमारे पास मौजूद अतिरिक्त वस्तुओं के द्वारा उनकी मदद करने की जरूरत है।"
पश्चिमी लंदन के उत्तरी केंसिंग्टन में बुधवार को एक 24 मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई, जिसमें अब तक 12 लोगों के मरने की खबर है। पुलिस ने मृतकों के आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई है।सिख आपदा राहत अभियान खालसा एड भी इन लोगों की मदद के लिए आगे आया है।
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रैफिक डिजाइनर गोबिंद सिंह (33) ने कहा, "अब तक हमने केवल पानी की व्यवस्था की है, लेकिन हमारी योजना जल्द से जल्द लोगों को 24 घंटे नाश्ता देने की है।"
22 मई को मैनचेस्टर आतंकवादी हमले के पीड़ितों की की मदद के लिए भी सिख समुदाय की प्रशंसा की गई थी। इस हमले में 22 लोग मारे गए थे। ग्रेनफेल टॉवर त्रासदी के बाद ट्रेडगोल्ड स्ट्रीट पर स्थित सेंट क्लेमेंट्स चर्च में लोग शरण ले रहे हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग भी प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए पहुंचे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस टॉवर में रहने वाले मुसलमान रोजे में तड़के की जाने वाली सहरी के कारण जाग रहे थे। यह लोग बहुत से लोगों की जिंदगी बचाने वाले साबित हुए। इन्होंने सबसे पहले लोगों को आग के प्रति सचेत किया और लोगों को इमारत से बाहर पहुंचाने में मदद की।


