भारत-ताजिकिस्तान के बीच नौ द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर
कोविंद ने वार्ता के दौरान ताजिकिस्तान की आतंकवाद से लड़ने की प्रशंसा की और सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद से लड़ने में मजबूत समन्वय की जरूरत पर जोर दिया

दुशान्बे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमामोली रहमान के साथ सोमवार को हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में दोनों देशाें के बीच रक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन, संयोजक परियोजना, संस्कृति, आयुष, अक्षय ऊर्जा, युवा एवं खेल सहित नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए।
श्री कोविंद ने वार्ता के दौरान ताजिकिस्तान की आतंकवाद से लड़ने की प्रशंसा की और सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद से लड़ने में मजबूत समन्वय की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को ताजिकिस्तान के साथ अपनी श्री कोविंद ने दोनों देशों की जनता के लाभ के लिए भारत-ताजिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए रक्षा और संयोजक परियोजनाओं के महत्व पर बल दिया।
दोनों राष्ट्रपतियों ने आतंकवाद की बुनियादी चुनौतियों, विशेषरूप से अफगानिस्तान के संदर्भ में चर्चा की। रणनीतिक साझेदारी और पुरानी दोस्ती पर गर्व है।
इस मौके पर, भारत ने ताजिकिस्तान को विकास सहायता परियोजनाओं के लिए दो करोड़ अमरीकी डॉलर अनुदान देने की घोषणा की।
बाद में, श्री कोविंद दुशान्बे स्थित ताजिकिस्तान विश्वविद्यालय में ‘काउंटरिंग रेडिकलाइजेशन: चैलेंजेस इन मोडर्न सोसायटीज’ विषय पर आयेाजित संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरतावाद के खिलाफ लड़ाई मुख्य रूप से लोगों के दिमाग में लड़ी जानी चाहिए जोकि शांति और मानवता में विश्वास करते हैं। यह विचारों का विरोध करने की एक लड़ाई है। युवाओं के साथ-साथ हमारे विद्वानों और मार्गदर्शक से बात करना आवश्यक हो जाता है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद सीमाओं पर विश्वास नहीं करता है । ताजिकिस्तान ने इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सराहनीय काम किया है और दुनिया को उसके प्रयासों और सफलता को पहचानना चाहिए।
श्री कोविंद मंगलवार को मजलिसी ओली (ताजिकिस्तान की संसद के निचले सदन) के मजलिसी नामॉयन्दगोन के अध्यक्ष और ताजिकिस्तान के प्रधानमंत्री कोहिर रसूलोजाडा के साथ अलग द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। वह भारत वापस आने से पहले आयनी वायुसेना अड्डे का भी दौरा करेंगे।


