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आम्रपाली के खिलाफ खरीदारों का हस्ताक्षर अभियान

नोएडा जागरुक नागरिक के बैनर के तले आम्रपाली सिलिकॉन सिटी के लोगों ने क्रय योग्य एफएआर एवं बढ़े हुए जनसंख्या घनत्व और नोएडा मास्टर प्लान 2031 के विरोध में हस्ताक्षर एवं जागरुकता अभियान चलाया

आम्रपाली के खिलाफ खरीदारों का हस्ताक्षर अभियान
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नोएडा। नोएडा जागरुक नागरिक के बैनर के तले शनिवार को सेक्टर-76 स्थित आम्रपाली सिलिकॉन सिटी के लोगों ने क्रय योग्य एफएआर एवं बढ़े हुए जनसंख्या घनत्व और नोएडा मास्टर प्लान 2031 के विरोध में हस्ताक्षर एवं जागरुकता अभियान चलाया। इस दौरान नीरज मिश्रा, शैलेंद्र, विक्रम सेठी समेत कई लोगों ने मास्टर प्लान 2031 की खामियां बताई व लोगों से हस्ताक्षर कराए।

मौजूद लोगों ने कहा कि सोसाइटी में लोग कई साल से रह रहे हैं और बिल्डर को सारा पैसा देने के बाद भी हमारी रजिस्ट्री नहीं हुई है। इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा सोसाइटी में अभी तक कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला है। लेकिन फिर भी बिल्डर पजेशन दे दिया। इस दौरान अभियान में शामिल शैलेंद्र ने बताया कि बीते साल में प्राधिकरण ने 1650 पीपीएच पर कर योग्य एफएआर बढ़ाने पर आपत्ति एवं सुझाव मांगे थे जिसका उन लोगों ने विरोध किया था और इस मांग को इस संशोधन को खारिज कर दिया। उन्होंने नोएडा के कुछ प्रोजेक्ट सैंपल के तौर पर पीपीएच (जनसंख्या घनत्व) की जानकारी आरटीआई से के द्वारा प्राधिकरण से मांगी थी।

काफी जद्दोजहद के बाद थोड़ी सी जानकारी मिली कि प्राधिकरण ने संशोधन को खारिज करने के बाद भी बिल्डरों को 1650 पीपीएच के हिसाब से यूनिटी अलॉट कर दी है। 1650 पीपीएच मास्टर प्लान 2031 के प्रावधान में डाला गया था जो ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी भूखंड दिसम्बर 2008 के बाद लौट हुए हैं उस पर लागू होता है। लेकिन प्राधिकरण ने बिना सोचे समझे नोएडा के बुनियादी संरचना का निर्माण किए बिना ही बिल्डर को 1650 पीपीएच के हिसाब से यूनिट अलॉट कर दी।

प्राधिकरण व बिल्डर पर लगाए गठजोड़ के आरोप

शैलेंद्र ने बताया कि यह एक बड़ा मामला है और इस पर न्यायालय, मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए एवं इस पर जांच कमेटी बिठाने चाहिए। क्योंकि प्राधिकरण व बिल्डर का गठजोड़ काफी मजबूत है एवं काफी गहरी है। समझ में यह नहीं आता कि बिल्डर नोएडा के लिए प्लान बना रहा है या फिर प्राधिकरण नोएडा के लिए प्लान बना रहा है।

फसेंगे 1 लाख 20 हजार फ्लैट खरीदार

उन्होंने बताया कि अभी नोएडा शहर में कम से कम 40 हजार फ्लैट खरीदार ऐसे हैं जिनको फ्लैट नहीं मिला है अगर इनको 1650 के हिसाब से क्रय योग्य एफएआर मिल जाएगा तो अतिरिक्त लगभग 1,20,000 फ्लैट खरीदार और फसेंगे। क्या प्राधिकरण इन नए 1,20,000 फ्लैट खरीदारों को फ्लैट दिलाने की जिम्मेदारी लेगा। फ्लैट खरीदार प्राधिकरण के लोगों से अपने बिल्डर की शिकायत करते हैं तो वह चुपचाप अपना पल्ला झाड़ लेता है।


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