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मुख्यमंत्री को कैप्टन मानने से इंकार करके सिद्धू अपने ही घर में घिरे

बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान जाने को लेकर पहले तो सिद्धू ने कहा था कि वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर पाकिस्तान गये थे और उसके बाद वे अपने बयान से मुकर गये

मुख्यमंत्री को कैप्टन मानने से इंकार करके सिद्धू अपने ही घर में घिरे
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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना कैप्टन मानने से इंकार करके निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू को अपनों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है तथा उनके सहयोगियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने आज सिद्धू के बयान पर नाराजगी जताते हुये कहा कि पाकिस्तान जाने को लेकर पहले तो सिद्धू ने कहा था कि वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर पाकिस्तान गये थे।

उसके बाद वे अपने बयान से मुकर गये और ट्वीट किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा तथा तथ्यों को तोड़मरोड़कर पेश किया गया। वह तो पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के निजी बुलावे पर गये थे।

बाजवा ने कहा कि इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बारे में यहां तक कह दिया कि अमरिंदर मेरे कप्तान नहीं ,मेरे कप्तान तो राहुल गांधी हैं। उनका बोलने का लहजा दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री तो हमारे कप्तान हैं, बेशक उन्हें भी कप्तान तो गांधी ने बनाया है।

गांधी तो हम सबके कप्तान हैं। पर हमें तो कैप्टन सिंह को ही अपना नेता तथा कप्तान मानना होगा। यदि वो मुख्यमंत्री को अपना नेता नहीं मानते तो वो मंत्री पद से इस्तीफा देकर गांधी जहां उन्हें जो ड्यूटी देना चाहें वो करें ।

बाजवा ने कहा कि सिद्धू मेरे छोटे भाई की तरह है तथा मैं उन्हें सलाह देना चाहता हूं कि वो बोलें कम काम ज्यादा करें।उनके बड़े सपने हैं ,बहुत आगे जाना है और बहुत गुणी हैं लेकिन वो बोलने के गुण को लगाम कसें तथा काम पर ध्यान दें। हम सभी को अपने परिवार की भावनाओं तथा मान का भी ख्याल रखना चाहिये ।कांग्रेस भी एक परिवार है।

कांग्रेस के विधायक राजकुमार वेरका ने तो उनके अंदाजेबयां पर कड़ी आपत्ति जताते हुये कहा कि ये कमेडी शो नहीं है।भाषा पर संयम जरूरी है ।यदि उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं करना तो इस्तीफा दें ।

भारतीय जनता पार्टी के सचिव तरूण चुघ ने कैप्टन सिंह के बारे में दिये गये बयान को लेकर सिद्धू की निंदा की है तथा यह भी कहा कि सिद्धू गिरगिट की तरह रंग बदलते रहते हैं।

पहले गांधी को राहुल बाबा कहते थे ।श्री नरेन्द्र मोदी ,अटल बिहारी वाजपेयी को अपना गुरू मानते थे और अपनी स्वार्थ सिद्धी के लिये वो अब श्री गांधी को अपना कप्तान मान रहे हैं तथा मुख्यमंत्री को कप्तान मानने से इंकार कर रहे हैं । उनकी बात समझ से परे है ।

सिद्धू के इस बयान की वाम दलों के बड़े नेताओं ने भी निंदा की है ।आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई ने भी सिद्धू के बयान पर प्रतिक्रिया जतायी है। प्रतिपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने कहा है कि उन्हें सोच समझकर बोलना चाहिये। जुबान को लगाम देने की जरूरत है।

उधर आप की सदस्यता से छह साल के लिये निलंबित बेबाक नेता सुखपाल सिंह खेहरा ने सिद्धू को उनके मोर्चे में शामिल होने की पेशकश कर डाली ।उन्होंने कहा कि करतारपुर कोरीडोर मामले का श्रेय सिद्धू को मिलता देख सभी कांग्रेसी उनके खिलाफ साजिश रचने लगे हैं।


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