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लॉकडाउन के साइड इफ्केट: भूखे-प्यासे मांग रहे पुलिस कंट्रोल रुम से रोटी

पहले कोरोना, फिर उसे काबू करने के लिए रातों-रात लागू किया गया लॉकडाउन। दोनो ही परेशानियों ने कहीं लाखों लोगों को अगर शहर छोड़ने को मजबूर कर दिया तो कहीं घर में कैद होने को मजबूर करके छोड़ा

लॉकडाउन के साइड इफ्केट: भूखे-प्यासे मांग रहे पुलिस कंट्रोल रुम से रोटी
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नई दिल्ली। पहले कोरोना, फिर उसे काबू करने के लिए रातों-रात लागू किया गया लॉकडाउन। दोनो ही परेशानियों ने कहीं लाखों लोगों को अगर शहर छोड़ने को मजबूर कर दिया तो कहीं घर में कैद होने को मजबूर करके छोड़ा। शनिवार को लॉकडाउन के चौथे ही दिन हालात बद से बदतर होते नजर आए। हिंदुस्तान के किसी दूर दराज इलाके में नहीं। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में। जहां से चलती है हिंदुस्तानी हुकूमत।

मजबूरी, लाचारी, बेबसी जैसे अल्फाजों को बोलना आसान हो सकता है। इन अल्फाजों को जिंदगी में भोगना बेहद कड़वा है। इसकी बानगी शुक्रवार और शनिवार यानि 24 घंटे के अंदर दिल्ली में देखने को मिली। वो भी हवा में नहीं। मय पुख्ता सबूतों के। सबूत भी इकट्ठे किये हैं राजधानी पुलिस ने। दरअसल दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने दो दिन पहले ही, लॉकडाउन के दौरान दिल्ली की सड़कों पर बेहाली के आलम में और जानकारी के अभाव में मारे-मारे फिर रहे बेबस इंसानों की मदद के लिए एक कंट्रोल रुम की स्थापना की थी।

कंट्रोल रुम का मुख्यालय बनाया गया था, नई दिल्ली जिले में जय सिंह रोड पर स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय परिसर के टॉवर-1 में तीसरी मंजिल पर संयुक्त पुलिस आयुक्त ट्रैफिक के कार्यालय में। कंट्रोल रुम विशेषकर कोरोना संबंधी जानकारी देने-लेने के लिए बनाया गया था। साथ ही अगर लॉकडाउन के दौरान किसी को कोई मदद न मिल पा रही हो तो वो भी इस कंट्रोल रुम से मदद या जानकारी मांग सकता था। 24 घंटे काम करने वाले कंट्रोल रुम के लिए 011-23469526 नंबर निर्धारित किया गया था। पुलिस कमिश्नर के स्टाफ अफसर डीसीपी विक्रम के पोरवाल ने आईएएनएस को बताया था कि, 'कंट्रोल रुम का संचालन डीसीपी आसिफ मोहम्मद अली के निर्देशन में होगा।'

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता सहायक पुलिस आयुक्त अनिल मित्तल ने शनिवार शाम आईएनएस को बताया, 'कोरोना संबंधी मदद और जानकारी के लिए कंट्रोल रुम बनने से लेकर शनिवार यानि 28 मार्च 2020 तक यहां 3796 सूचनाएं आ चुकी हैं।'' अगर देखा जाये तो यह एक बड़ी संख्या है। इस कंट्रोल रुम में सूचनाओं के बाबत आईएएनएस के पास मौजूद दिल्ली पुलिस मुख्यालय से जारी आंकड़ों के अनुसार, 'शुक्रवार दोपहर बाद दो बजे से लेकर शनिवार दोपहर बाद 2 बजे तक यानि 24 घंटे के भीतर ही इस कंट्रोल रुम में एक हजार 156 कॉल्स रिसीव की गयीं। इनमें से भी 419 कॉल्स दिल्ली से बाहर संबंधी जानकारियां मांगे जाने संबंधी थीं। इन कॉल्स के उत्तर में दिल्ली पुलिस ने संबंधित राज्यों की हेल्पलाइन के नंबर कॉल्स करने वालों को मुहैया करा दिये।'

जबकि 32 कॉल्स दिल्ली में स्वास्थ्य मदद संबंधी जानकारी के लिए इस कंट्रोल रुम में पहुंचीं। 423 कॉल्स मूवमेंट पास (लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में आने जाने के संबंधी इजाजत) संबंधी थीं। इन कॉल्स के जबाब में दिल्ली पुलिस के इस कंट्रोल रुम ने बताया कि, मूवमेंट पास के लिए संबंधित लोग दिल्ली के अपने निकटतम जिले के एडिश्नल डीसीपी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। जबकि 7 फोन कॉल्स कंट्रोल रुम में कोरोना संबंधी बीमारी के बाबत जानकारी लेने के लिए आईं। इन सातों कॉल्स के जबाब में दिल्ली पुलिस के इस विशेष कंट्रोल रुम ने कोरोना वायरस हेल्पलाइन नंबर 011-23978046 या फिर 1075 उपलब्ध करा दिया गया।

दिल्ली पुलिस मुख्यालय से हासिल इन तमाम आंकड़ों में सबसे ज्यादा खतरनाक कहिये या फिर हैरान करने वाली कॉल्स की संख्या मिली 68। इन 68 कॉल्स में दिल्ली पुलिस कंट्रोल रुम को लोगों ने बताया कि, हमारी जेब में न पैसे हैं। न खाने-पीने का कोई इंतजाम। हम भूखे हैं। आप हमारी मदद कर दो। दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एसीपी अनिल मित्तल के मुताबिक, इन सभी 68 कॉल्स के जबाब में कंट्रोल रुम ने पीड़ितों को तुरंत मददगार होने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ)तक पहुंचाने में मदद की।


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