Top
Begin typing your search above and press return to search.

चुनाव का साइड इफेक्ट, डेढ़ लाख छात्रों की परीक्षा प्रभावित

चुनाव आयोग ने आम चुनाव 2024 का लंबा चौड़ा शेड्यूल तो जारी कर दिया लेकिन इसके क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं और उनका क्या समाधान होना चाहिए इस पर कोई विचार नहीं किया

चुनाव का साइड इफेक्ट, डेढ़ लाख छात्रों की परीक्षा प्रभावित
X

ग्वालियर। चुनाव आयोग ने आम चुनाव 2024 का लंबा चौड़ा शेड्यूल तो जारी कर दिया लेकिन इसके क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं और उनका क्या समाधान होना चाहिए इस पर कोई विचार नहीं किया। जिस समय आम चुनाव होने वाले हैं इस समय कई विश्वविद्यालय में परीक्षाएं आयोजित की जाती है। ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय का भी यही हाल है। चुनाव के चलते परीक्षाएं देरी से कराई जाएगी। ऐसा अनुमान है कि ग्वालियर चंबल अंचल के डेढ़ लाख से ज्यादा विद्यार्थी इस कारण परेशान होंगे। क्योंकि न केवल परीक्षाएं देरी से होगी बल्कि परीक्षा परिणाम भी देरी से आएगा जिसके चलते जो छात्र आगे पीजी में प्रवेश लेना चाहते हैं उनको 1 साल गंवाना पड़ सकता है।

जब भी चुनाव होते हैं शिक्षा विभाग का ज्यादातर अमला चुनाव ड्यूटी में लगा दिया जाता है और ज्यादातर शिक्षा केंद्र चुनाव के लिए मतदान केंद्र या मतगणना केंद्र भी बनाए जाते हैं। ग्वालियर के एमएलबी कॉलेज की बात करें तो यह तो मतगणना केंद्र तो होता ही है लेकिन चुनाव से संबंधित बाकी सभी कार्य जैसे चुनाव सामग्री के वितरण से लेकर एवं को सुरक्षित रखने तक इसी कॉलेज में होते हैं। चुनाव के चलते लाखों छात्रों की परीक्षाओं को लटका देने के इस मामले से ऐसा लगता है कि शिक्षा उतनी जरूरी नहीं है जितना चुनाव यहां यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या सरकार ऐसी कोई व्यवस्था नहीं कर सकती की परीक्षाएं प्रभावित हुए बिना चुनाव हो जाएं।

स्नातक की बात करें तो अभी बीए बीएससी बीकॉम तृतीय वर्ष का परीक्षा शेड्यूल जारी किया है यह परीक्षाएं 30 मार्च से शुरू होना है। लेकिन जब अमला चुनाव में व्यस्त होगा तो क्या यह परीक्षाएं शुरू हो पाएंगी? क्योंकि चुनाव में लगे कर्मचारी की ट्रेनिंग 28 मार्च से शुरू होगी। यह ट्रेनिंग अंचल के अलग-अलग जिलों में पूरे माह चलेगी। इसके बाद मतदान की तारीख आ जाएंगी। जब मतदान होगा तो कई कॉलेज के भवन मतदान केंद्र के रूप में अधिग्रहित होंगे। तो फिर यह परीक्षाएं कब और कहां होगी यह बड़ा प्रश्न है। स्नातक द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं अप्रैल पहले सप्ताह में शुरू करने का प्रयास था। लेकिन अब यह परीक्षा शेड्यूल जारी भी किया जाएगा या नहीं। इसी तरह स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं मैं में होना थी लेकिन ऐसा लगता है। चुनाव के चलते यह सारी परीक्षाएं एक दो माह तक देरी से आयोजित होगी जिसका खामिया जा छात्रों को भुगतना पड़ेगा। खासकर अंतिम वर्ष स्नातक के छात्र यदि समय पर परीक्षा देकर समय पर रिजल्ट नहीं पाते हैं तो उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it