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सिद्दारमैया और शिवकुमार ने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने के लिए राहुल-प्रियंका से की मुलाकात

बेंगलुरु में शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले कर्नाटक के मनोनीत मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को राहुल-प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की और उन्हें समारोह के लिए आमंत्रित किया

सिद्दारमैया और शिवकुमार ने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने के लिए राहुल-प्रियंका से की मुलाकात
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नई दिल्ली। बेंगलुरु में शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले कर्नाटक के मनोनीत मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को राहुल-प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की और उन्हें समारोह के लिए आमंत्रित किया।

सिद्दारमैया और शिवकुमार दोनों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलने और शनिवार को बेंगलुरु में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित करने के लिए शुक्रवार दोपहर दिल्ली पहुंचे।

कर्नाटक के दोनों नेताओं के साथ बैठक के बाद राहुल गांधी ने फेसबुक पर लिखा, हमारा ध्यान 5 गारंटियों को पूरा करने और कर्नाटक के लोगों के लिए बेहतर भविष्य बनाने पर है। उन्होंने सिद्दारमैया, शिवकुमार और प्रियंका गांधी के साथ अपनी तस्वीरें सझा कीं।

दोनों नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित करने और दक्षिणी राज्य में कैबिनेट गठन पर चर्चा करने के लिए पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मिलना था।

हालांकि, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की।

इसके बाद सुरजेवाला और वेणुगोपाल कांग्रेस अध्यक्ष के आवास से चले गए। इसके तुरंत बाद, वेणुगोपाल सुरजेवाला के साथ उनके आवास पर पहुंचे, सिद्दारमैया और शिवकुमार भी उनके साथ हो लिए। सिद्दारमैया कनॉट प्लेस में सरवण भवन भी गए।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेता कैबिनेट मंत्रियों और उनकी संख्या पर चर्चा कर रहे हैं। सूत्र ने कहा कि पार्टी कैबिनेट मंत्रियों की संख्या पर रात तक फैसला कर सकती है।

खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे ने यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मनोनीत सीएम और डिप्टी सीएम मंत्रिपरिषद पर अंतिम निर्णय लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभारी महासचिव से बात कर अंतिम सूची तैयार होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष के पास पहुंचेगी।

भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा कि भाजपा को सोचना चाहिए कि वे चुनाव क्यों हारे और उनकी पार्टी में कितना विभाजन है। कर्नाटक के लोगों ने विकास के लिए मतदान किया है।

कर्नाटक में कांग्रेस ने दक्षिणी राज्य की 224 सीटों में से 135 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा 66 सीटों पर सिमट गई थी। जेडी-एस जो राज्य में 'किंगमेकर' की भूमिका निभाने की उम्मीद कर रही थी उसे केवल 19 सीटों पर ही जीत मिली है।


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