बीमार नर हाथी की जंगल में मौत
कटघोरा वनमंडल के केंदई वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले कापा नवापारा बीट के जंगल में मौजूद हाथियों के दल में शामिल एक नर दंतैल हाथी की मौत हो गई

कोरबा। कटघोरा वनमंडल के केंदई वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले कापा नवापारा बीट के जंगल में मौजूद हाथियों के दल में शामिल एक नर दंतैल हाथी की मौत हो गई। इसकी सूचना पर वन विभाग के अधिकारियों ने मौका मुआयना कर आवश्यक कार्रवाई पूर्ण कराई। मंगलवार को मृत दंतैल का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार केंदई वन परिक्षेत्र के कापा नवापारा वन नाका के ठीक पीछे जंगल में 30 हाथियों का समूह पिछले कई दिनों से विचरण कर रहा है। बताया जा रहा है कि इन हाथियों में शामिल एक दंतैल कई दिनों से बीमार चल रहा था। बीमारी के कारण वह काफी कमजोर भी हो चुका था।
इस बीमार और कमजोर हाथी को छोड़कर दल के 23 हाथी पिछले दिनों मड़ई की ओर कूच कर गये जबकि बीमार दंतैल के साथ 6 हाथी नवापारा के जंगल में ही मौजूद रहे। इन हाथियों ने दंतैल का साथ नहीं छोड़ा किन्तु दंतैल इनका साथ छोड़कर चला गया।
बताया गया कि बीमार दंतैल ने आज सुबह दम तोड़ दिया, जिसकी सूचना नाका कर्मी संतोष द्वारा वन अधिकारियों को दी गई। मौके पर डीएफओ कटघोरा एस. जगदीशन, एसडीओ वन प्रेमलता यादव व अन्य अधिकारी पहुंचे।
मृत हाथी की जांच आदि आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया है और मंगलवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जंगलों की सुरक्षा और खासकर क्षेत्र में हाथियों की लगातार मौजूदगी के कारण मामला और भी संवेदनशील हो जाता है। हाथियों की हरकतों पर निगरानी के साथ-साथ यह देखना भी जरूरी होता है कि उनके किसी सदस्य को तकलीफ न हो ताकि हाथियों का स्वभाव उग्र अथवा दूसरे तरीके से परिवर्तित होने न पाये।
उग्र होने पर हाथी जान-माल को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं और ऐसी परिस्थितियों में आसपास के ग्रामीणों को आगाह करना जिम्मेदार वन कर्मियों का दायित्व बनता है।
इस मामले में केंदई वन परिक्षेत्र के डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड की लापरवाही लंबे समय से सामने आ रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इन्हें जंगल में ड्यूटी करते बहुत ही कम देखा जाता है।
जंगल में क्या घट रहा है, इससे शायद इन्हें कोई मतलब नहीं रहता और यही कारण माना जा सकता है कि दल में शामिल एक दंतैल ने बीमार हालत में दम तोड़ दिया।


