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बिक गई किशोर कुमार की धरोहर

 महान पार्श्वगायक किशोर कुमार को चाहने वाले लाखों फैन्स के लिए यह बुरी ख़बर है। मध्यप्रदेश के खण्डवा में जिस घर में उनका जन्म हुआ था, वह बिक गया है

बिक गई किशोर कुमार की धरोहर
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खण्डवा। महान पार्श्वगायक किशोर कुमार को चाहने वाले लाखों फैन्स के लिए यह बुरी ख़बर है। मध्यप्रदेश के खण्डवा में जिस घर में उनका जन्म हुआ था, वह बिक गया है। अब यहां एक व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा।

गांगुली परिवार का यह मकान किशोर दा के छोटे पुत्र सुमित कुमार और अनूप कुमार के पुत्र अर्जुन के नाम पर था। इस बेशकीमती संपत्ति के खरीददार अभय जैन पेशे से कॉलोनाइजर और उन्नत कृषक हैं। श्री जैन ने बताया कि किशोर कुमार के परिजनों से मिलकर इसकी डील की गई है। यहां एक व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाएंगे और इसमें किशोर दा की स्मृतियों को भी संजोया जायेगा।

करीब सौ साल पुराने इस बंगाली शैली के मकान को किशोर कुमार के पिता कुंजीलाल गांगुली ने बनवाया था, जो शहर के प्रतिष्ठित वकील थे। उनकी पत्नी का नाम गौरी देवी था और दोनों के नाम पर ही इसका नाम गौरी-कुंज गांगुली हाउस रखा गया था।

भारतीय फिल्म जगत के तीन सितारों अशोक कुमार, किशोर कुमार और अनूप कुमार का बचपन इसी घर में बीता। खास बात यह भी है कि स्वामी विवेकानंद भी शिकागो जाने के पहले जब खण्डवा आये थे तो इसी गांगुली हाउस में रुके थे। यह शहर की ऐतिहासिक धरोहर तो है ही, किशोर कुमार के कारण यह दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के लिए तीर्थ भी बन गई।

इस घर में 40 वर्षों से चौकीदारी कर रहे सीताराम बताते हैं कि किशोर साहब को इस घर से बहुत लगाव था। वे यहां जब भी आते, शाम को छत पर ही दोस्तों के साथ बैठते। उन्होंने यहां रहने के लिए इसकी मरम्मत भी कराई थी। अभी लोगों से सुना है कि यह घर बिक गया है, अब यह मालिकों की मर्जी। लोग तो यही चाहते हैं कि यह म्यूज़ियम बने।

खण्डवा की इस ऐतिहासिक धरोहर के बिक जाने से किशोर प्रशंसक बेहद निराश हैं। वे चाहते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार इसका जो भी बाज़ार मूल्य हो वह आंककर इसे अधिग्रहित कर ले। एक बार नगर निगम ने इस मकान को खतरनाक घोषित कर इसे तोड़ने का नोटिस दिया था, तब भी इसके अधिग्रहण की मांग उठी थी लेकिन कलेक्टर ने आदेश रुकवा कर किशोर प्रशंसकों को मना लिया था।

खरीददार श्री जैन कहते हैं कि यह पारिवारिक संपत्ति है, इसलिए परिवार तो उसका उपभोग करना चाहेगा। इस संपत्ति का दाम गाइड लाइन के मुताबिक 14 हजार रुपये प्रति वर्ग फीट है। अधिग्रहण की शर्तों के मुताबिक इसकी कीमत करीब 20 करोड़ रुपये होती है। यदि सरकार यह पेशकश करती है तो परिवार भी राजी होगा और हम भी इसमें सहयोग करेंगे।


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