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एसआईए ने आतंकी फंडिंग मामले में सरजन बरकती की पत्नी को किया गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने कथित आतंकी फंडिंग मामले में शुक्रवार को एक महिला को गिरफ्तार किया

एसआईए ने आतंकी फंडिंग मामले में सरजन बरकती की पत्नी को किया गिरफ्तार
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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने कथित आतंकी फंडिंग मामले में शुक्रवार को एक महिला को गिरफ्तार किया। एसआईए ने उसकी पहचान दक्षिण कश्मीर के जैनपोरा शोपियां के सरजन अहमद वागे उर्फ बरकती की पत्नी शबरोजा बानो के रूप में की है।

एजेंसी के अनुसार, वह अपने पति के साथ क्राउड फंडिंग के माध्यम से धन जुटाकर आतंकवाद का वित्तपोषण करने में शामिल रही है। कश्मीर में 2016 के विरोध प्रदर्शनों के प्रमुख चेहरों में से एक सरजन बरकती, जिन्हें 'आजादी चाचा' और 'पीड पाइपर' जैसी उपाधियां मिली थीं, को इस वर्ष अगस्त में एसआईए ने इसी मामले में गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने कहा एसआईए पुलिस थाने में दर्ज एक मामला क्राउड फंडिंग के माध्यम से धन जुटाने के व्यापक अभियान में बरकती परिवार की संलिप्तता से संबंधित है।

एसआईए ने एक बयान में कहा कि “इन फंडों का बाद में दुरुपयोग किया गया, जिसमें कश्मीर घाटी में कट्टरपंथ के प्रचार के लिए धनशोधन और अघोषित संपत्तियों का अधिग्रहण शामिल था। सरजन बरकती को इस वर्ष अगस्त में गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनकी पत्नी शबरोजा बानो इस मामले में अपनी भूमिका सामने आने के बाद गिरफ्तारी से बच रही थी। एसआईए की जांच के दौरान बानो साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में सामने आई और उसे आतंकी फंडिंग मामले में अपने पति और पाकिस्तान स्थित आतंकी संचालकों के साथ काम करते हुए पाया गया। जांच से पता चला कि शबरोजा इन्क्रिप्ट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से पाकिस्तानी आकाओं के साथ लगातार संपर्क में थीं। जिसके परिणामस्वरुप, उसे आज गिरफ्तार कर लिया गया।”

बयान के अनुसार, बरकती और उनका परिवार क्राउड फंडिंग के माध्यम से लगभग 1.74 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब रहा था। बयान में कहा गया कि “ये धन निजी लाभ के लिए जुटाए गए थे और एकत्रित धन के एक महत्वपूर्ण हिस्से का दुरुपयोग कथित रूप से अज्ञात उद्देश्यों के लिए किया गया, जिसमें अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण शामिल था। अधिग्रहित धन का एक बड़ा हिस्सा बरकती के परिवार के सदस्यों के नाम पर विभिन्न सावधि जमा रसीदों (एफडीआर) में जमा किया गया था, जिससे स्रोतों की वैधता और धन के उपयोग पर सवाल उठे थे।”

एसआईए ने कहा कि 2016 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, रैलियां और सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष आयोजित करने में बरकती एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में शामिल था।। उस अवधि के दौरान, वह युवाओं को सुरक्षा बलों के प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए उकसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था, जिसके लिए घाटी के विभिन्न पुलिस थानों में उसके खिलाफ 30 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।


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