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शुभेंदु अधिकारी बंगाल की नई गृह सचिव नंदिनी की नियुक्ति के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट जा सकते हैं

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को दावा किया कि वह राज्य की नई गृह सचिव के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी नंदिनी चक्रवर्ती की नियुक्ति के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय जा सकते हैं

शुभेंदु अधिकारी बंगाल की नई गृह सचिव नंदिनी की नियुक्ति के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट जा सकते हैं
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को दावा किया कि वह राज्य की नई गृह सचिव के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी नंदिनी चक्रवर्ती की नियुक्ति के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि नंदिनी को पश्चिम बंगाल कैडर के कई अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को दरकिनार कर अवैध रूप से नियुक्त किया गया है।

विपक्ष के नेता ने राज्य की गृह सचिव के रूप में नंदिनी चक्रवर्ती की नियुक्ति को राज्य पुलिस के नए कार्यवाहक महानिदेशक के रूप में राजीव कुमार की नियुक्ति से जोड़ा है।

अधिकारी के मुताबिक, नंदिनी की नियुक्ति कुमार को खुली छूट देने के लिए की गई है।

उन्होंने दावा किया, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि अवैध रूप से नियुक्त कार्यवाहक डीजीपी को खुली छूट मिले, राज्य ने अब अवैध रूप से एक जूनियर आईएएस अधिकारी को तैनात कर दिया है। नंदिनी चक्रवर्ती को राज्य गृह विभाग की प्रमुख सचिव के रूप में 13 अतिरिक्त मुख्य सचिवों और उनसे वरिष्ठ पांच अन्य प्रमुख सचिवों की अनदेखी की गई है।”

विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि आईएएस (कैडर स्ट्रेंथ का निर्धारण) तीसरा संशोधन विनियम, 2017 के तहत राज्य के गृह सचिव, यानी गृह और पहाड़ी मामलों के विभाग का प्रमुख लेवल 17 का अधिकारी होना चाहिए, यानी यह विनियम नंदिनी चक्रवर्ती की नियुक्ति को पूरी तरह से अवैध ठहराता है।"

उन्होंने राज्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में कुमार की पिछली नियुक्ति पर भी सवाल उठाया है और कहा है कि यह पद किसी आईएएस अधिकारी को आवंटित किया जाना चाहिए, न कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी को।

अधिकारी ने दावा किया, “मैंने यह भी समझा है कि इसी तरह ममता सरकार द्वारा बड़ी संख्या में अवैध पोस्टिंग की जा रही है, जिसमें प्रधान सचिव के रूप में राजीव कुमार की पोस्टिंग भी शामिल है। आईटी विभाग किसी आईएएस अधिकारी को सौंपा जाना चाहिए। कल्पना कीजिए कि एक आईएएस अधिकारी को डीजीपी या कोलकाता पुलिस का सीपी बना दिया जाए तो परिणाम कया होगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि जहां वह चक्रवर्ती की नियुक्ति के खिलाफ अदालत सहित उचित मंच पर जाएंगे, वहीं उन्होंने आईएएस एसोसिएशन से भी ऐसी अवैध नियुक्तियों के खिलाफ विरोध करने का अनुरोध किया है।


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